कर्नाटक के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और पद्मश्री सम्मानित सुब्बान्ना अय्यप्पन का शव कावेरी नदी के पास मिला है। वे 70 साल के थे और पिछले 7 मई से लापता थे। उनका शव शनिवार सुबह श्रीरंगपटना (मांड्या जिले) में नदी से बरामद किया गया। यह जगह मैसूर से करीब 20 किलोमीटर दूर है।
पुलिस ने बताया कि उनका दोपहिया वाहन नदी के पास खड़ा मिला और शव पानी में तैरता हुआ दिखा। जांच में फिलहाल किसी साजिश के संकेत नहीं मिले हैं। अय्यप्पन 7 मई से लापता थे और 8 मई को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उन्हें ध्यान (मेडिटेशन) का शौक था, इसलिए पुलिस ने श्रीरंगपटना के कई ध्यान केंद्रों में उनकी तलाश की थी।
सुब्बान्ना अय्यप्पन देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पहले ऐसे निदेशक बने जो मूल रूप से कृषि वैज्ञानिक नहीं थे। यह कृषि के क्षेत्र में रिसर्च करने वाला सबसे बड़ा संस्थान है। उन्हें 2022 में पद्मश्री पुरस्कार मिला था। उन्होंने भारत में “नीली क्रांति” (मत्स्य पालन क्षेत्र में विकास) में अहम भूमिका निभाई थी। वे इंफाल की सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी रह चुके थे। वह सरकार की कई कमेटियों में शामिल रहे और उन्हें बहुत से पुरस्कार भी मिले थे। उनका जन्म 10 दिसंबर 1955 को कर्नाटक के चामराजनगर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई मंगलुरु और बेंगलुरु से की। वर्ष 1998 में उन्होंने पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियाँ और एक दामाद हैं।
टिप्पणियाँ