हाल ही में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक अभियान चलाया और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव को लेकर एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत “शिव तांडव” की धुन के साथ की गई। इसमें भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के उच्च अधिकारी शामिल हुए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित अधिकारी हैं -लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, जो भारतीय थल सेना के सैन्य अभियानों के प्रमुख (DGMO) हैं। एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती, जो भारतीय वायु सेना के हवाई अभियानों के प्रमुख (DG Air Ops) हैं। वाइस एडमिरल ए. एन. प्रमोद, जो भारतीय नौसेना के समुद्री अभियानों के प्रमुख (DGNO) हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना के सैन्य अभियान के प्रमुख (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों का पूरी तरह से सफाया करना था। इस अभियान में सेना ने 100 आतंकवादियों को मार गिराया। इसके साथ ही सेना ने उनके ठिकानों को नष्ट करने के सबूत भी पेश किए। यह कार्रवाई आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी। इस ऑपरेशन में मुदस्सर खार, हाफिज जमील और यूसुफ अजहर जैसे तीन प्रमुख आतंकवादी भी मारे गए।
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि पहलगाम में भारतीय नागरिकों पर हुए आतंकी हमले के बाद “ऑपरेशन सिंदूर” की योजना बनाई गई। इसका मकसद था – आतंकियों और उनके ठिकानों को खत्म करना। हमारी एजेंसियों ने 9 सक्रिय ठिकानों की पहचान की, जिनमें कुछ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और कुछ पाकिस्तान के पंजाब में थे, जैसे मुरीदके। यही इलाका कसाब और हेडली जैसे आतंकियों से जुड़ा हुआ है। इन हमलों में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे खतरनाक आतंकी भी शामिल थे। ये लोग IC-814 विमान अपहरण और पुलवामा हमले में शामिल थे।
एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने बताया कि वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी अड्डों पर सटीक हमला किया। इन जगहों को इसलिए चुना गया क्योंकि ये सीमा के काफी अंदर थे और रणनीतिक रूप से अहम थे। हमले में सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, किसी भी आम नागरिक को नुकसान नहीं हुआ। भारतीय वायुसेना की मिसाइलों ने हाफिज सईद के गढ़ माने जाने वाले मुरीदके के शिविर को पूरी तरह तबाह कर दिया।
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पाकिस्तान ने कई बार भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने समय रहते इन खतरों को रोक दिया। एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने एक सटीक मिसाइल हमले में पाकिस्तान के मुरीदके इलाके में मौजूद एक आतंकी कैंप को पूरी तरह तबाह कर दिया। यह वही जगह है, जिसे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का गढ़ माना जाता है।
भारतीय वायुसेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित एक बड़े आतंकवादी ठिकाने पर सटीक मिसाइल हमला किया। यह ठिकाना जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य अड्डा था, जहां से भारत के खिलाफ लंबे समय से आतंकी गतिविधियां चलाई जा रही थीं। इस हमले में पूरा अड्डा नष्ट कर दिया गया। भारतीय वायुसेना के एयर ऑपरेशन्स महानिदेशक, एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ड्रोन और सैटेलाइट की तस्वीरें दिखाई, जिनमें बहावलपुर में भारी तबाही साफ दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि 7 मई को पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलीबारी से भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह तैयार और सतर्क थी। 8 और 9 मई की रात करीब 10:30 बजे पाकिस्तान ने भारत की ओर कई ड्रोन, निगरानी यंत्र (UAV) और लड़ाकू ड्रोन (UCAV) भेजे। 7 मई को भी कुछ ड्रोन भेजे गए थे, जिनका मकसद सिर्फ निगरानी करना और भारतीय नागरिकों में डर फैलाना था।
एयर मार्शल भारती ने यह भी बताया कि 8 मई को भारतीय वायुसेना ने लाहौर में मौजूद पाकिस्तान की निगरानी रडार साइटों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई भारत की तरफ से एक सोच-समझकर की गई जवाबी कार्रवाई थी। इसके बावजूद पाकिस्तान ने ड्रोन हमले जारी रखे लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली पहले से तैयार थी और उसने सभी हमलों को नाकाम कर दिया। पाकिस्तानी ड्रोन कई भारतीय एयरबेसों को निशाना बनाना चाहते थे, लेकिन हमारी वायुसेना ने उन्हें समय रहते रोक दिया।
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि 9 मई को दोपहर 3:35 बजे उनकी पाकिस्तान के DGMO से बात हुई। इसके बाद 10 मई शाम 5:00 बजे से दोनों देशों के बीच सीजफायर और एयर इंट्रूजन पर रोक लगाने पर सहमति बनी। तय हुआ कि 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर से बातचीत कर इस समझौते को और मजबूत बनाया जाएगा। लेकिन अफसोस की बात है कि पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में इस समझौते का उल्लंघन कर सीमा पार फायरिंग और ड्रोन हमला किया। भारत ने इन घटनाओं का कड़ा जवाब दिया और आज सुबह पाकिस्तान को हॉटलाइन संदेश भेजा गया है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि उल्लंघन दोहराया गया तो सख्त प्रतिक्रिया दी जाएगी। हमारे सेना प्रमुख ने सभी कमांडरों को तुरंत और कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के करीब 35-40 सैनिक मारे गए। उन्होंने कहा कि भारत का निशाना सिर्फ आतंकी ठिकाने थे, लेकिन जब पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ढांचे पर हमला किया और हवाई घुसपैठ की, तो भारतीय सेना ने भारी हथियारों से जवाब दिया। इस कार्रवाई में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ होगा, हालांकि सही आंकड़े अब भी जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तीन दिन तक चला संघर्ष किसी युद्ध से कम नहीं था। इस ऑपरेशन में भारत के 5 जवान शहीद हुए, लेकिन हमारे सभी पायलट सुरक्षित लौटे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि इस कार्रवाई में पाकिस्तान के करीब 35-40 सैनिक मारे गए। उन्होंने कहा कि भारत का निशाना केवल आतंकियों के ठिकाने थे, लेकिन जब पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया और वायुसीमा का उल्लंघन किया, तो भारतीय सेना ने भी जोरदार जवाब दिया। इस जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष में भारत के 5 जवान शहीद हुए, लेकिन सभी भारतीय पायलट सुरक्षित लौटे हैं। यह संघर्ष लगातार तीन दिन चला और इसे एक छोटे युद्ध जैसा ही माना जा सकता है। भारतीय नौसेना के डायरेक्टर जनरल नेवल ऑपरेशन्स वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद नौसेना ने युद्धपोत, पनडुब्बियां और लड़ाकू विमान पूरी तैयारी के साथ समुद्र में तैनात कर दिए हैं। 96 घंटे के भीतर अरब सागर में हथियारों का परीक्षण कर रणनीति को और मज़बूत किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी कार्रवाई शांत, संतुलित और ज़िम्मेदार रही। अगर ज़रूरत पड़ी, तो कराची जैसे ठिकानों पर भी हमला करने के लिए नौसेना तैयार है। फिलहाल नौसेना पूरी ताकत से समुद्र की निगरानी कर रही है।
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