पाकिस्तानी प्रतिष्ठान, विशेष रूप से पाकिस्तानी सेना को तब करारा झटका लगा जब भारत ने 7 मई की रात को नौ स्थानों पर आतंकी नेटवर्क को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। पाकिस्तान ने भी 7 मई की रात को भारत के उत्तरी और पश्चिमी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले का प्रयास किया और हमारे बेहतर वायु रक्षा कवर के खिलाफ बुरी तरह विफल रहा। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर, मुख्यत पुंछ जिले में, आर्टिलरी फ़ाइरिंग से निर्दोष भारतीय नागरिकों को हताहत किया । भारत ने फिर भी संयम बनाए रखा और 8 मई को पाकिस्तान के वायु रक्षा कवर को लक्षित किया, मुख्य रूप से उसकी आक्रामक क्षमता को कुंद करने के लिए।
लेकिन अपने स्वभाव के अनुरूप पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की रात उधमपुर, जम्मू, सांबा, अखनूर, नगरोटा, पठानकोट, लुधियाना और जैसलमेर में और भी बड़े पैमाने पर और गहन ड्रोन और मिसाइल हमले किए। यह हमारी अभेद्य वायु रक्षा क्षमता को श्रेय जाता है कि सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया गया और किसी भी सैन्य सुविधा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। पाकिस्तान ने फिर इन अकारण हमलों के जरिए निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश की। एलओसी के कई हिस्सों, खासकर उरी, कुपवाड़ा और बारामूला में एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी की गई और मोर्टार दागे गए। इस प्रकार, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक अघोषित युद्ध के माध्यम से सैन्य कार्यवाही की है।
भारत ने एक बार फिर आनुपातिक तरीके से जवाब दिया और लाहौर, रावलपिंडी और सियालकोट में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। ओकारा को भी निशाना बनाया गया। भारतीय बलों ने दो जेएफ -17 लड़ाकू विमान (चीन में निर्मित) और एक एफ -16 लड़ाकू विमान को भी मार गिराया। इस प्रकार भारत ने हवा में अपनी सटीकता का प्रदर्शन किया। भारत ने एक बार फिर नागरिक लक्ष्यों से सावधानी से परहेज किया। अधिक अर्धसैनिक बलों के साथ आईबी को मजबूत करने के बाद, बीएसएफ ने 7 जेईएम आतंकवादियों को मार गिराया और घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को विफल कर दिया। भारत ने एक बार फिर काफी संयम बरता है लेकिन पाकिस्तान द्वारा इसे स्वीकार किए जाने की संभावना नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर को जारी रखते हुए, भारत को अब पारंपरिक युद्ध क्षेत्र में पाकिस्तानी सेनाओं, विशेष रूप से पाकिस्तानी सेना को दंडित करना होगा। पाकिस्तान भारत द्वारा किसी भी तरह के अधिक संयम को अपनी जीत की धारणा मान सकता है। हमें उसके किसी भी दुष्प्रचार से सावधान रहना होगा।
भारत को पाकिस्तान पर अपनी लड़ाकू बढ़त की गति को बनाए रखना होगा और पाकिस्तान द्वारा अघोषित युद्ध को उसके तार्किक और अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाना होगा। पाकिस्तान अपनी हताशा में गौरी और शाहीन श्रृंखला की लंबी दूरी की मिसाइलों को भारत की रणनीतिक टार्गेटस को निशाना बना सकता है। इस प्रकार, भारत को इन मिसाइलों के आसन्न खतरे के लिए वायु रक्षा कवर की एस -400 श्रृंखला को सावधानीपूर्वक संरक्षित रखना है। पाकिस्तान वायु सेना भी हताशा में एलओसी और आईबी का उल्लंघन कर सकती है और इस प्रकार अधिकतम वायु रक्षा कवर की आवश्यकता होगी। आईपीएल को सही समय पर निलंबित किया गया है। इसके अलावा, विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद के खतरे को भी बेअसर करना होगा। भारत को आंतरिक सुरक्षा हमेशा चाक चौबंद रखनी होगी।
भारतीय नौसेना के पास पाकिस्तानी नौसेना पर जबरदस्त युद्धक बढ़त है और हमारी नौसेना ने 8 मई की रात कराची बंदरगाह को निशाना बनाकर अपनी पहुंच का प्रदर्शन किया। भारतीय नौसेना को अब किसी भी उकसावे की स्थिति में पाकिस्तान की नौसैनिक संपत्तियों को नष्ट करने पर ध्यान देना चाहिए। भारतीय वायु सेना भी अपनी बियॉन्ड विजुअल रेंज क्षमता के साथ पाकिस्तान के अंदर रणनीतिक लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। पाकिस्तान पहले ही इस्लामिक दुनिया से मदद की अपील कर चुका है और यह उसके खोखले ढांचे का एक और संकेत है। लेकिन पाकिस्तान जैसा एक हताश विरोधी तब तक खतरनाक हो सकता है जब तक कि भारत उसे पूरी तरह से निष्प्रभावी न कर दे, सैन्य क्षेत्र में और आगे लड़ने की भावना दोनों में।
जहां तक भारतीय सेना की बात है तो हमारी जवाबी कार्रवाई की योजना तैयार है। भारत को नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार उचित जवाबी कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से रेडलाइन यानि लक्ष्मण रेखा निर्धारित करनी चाहिए। भारत ने पाकिस्तान से दुस्साहस को केंद्रित, नेप तुले और गैर-एस्केलेटरी तरीके द्वारा अत्यधिक संयम का प्रदर्शन किया है। लेकिन अस्थिर पाकिस्तान के खिलाफ संयमित प्रतिक्रिया की एक सीमा है। जब तक पाकिस्तान को राज्य प्रायोजित आतंकवाद की नीति छोड़ने का संदेश नहीं मिलता, तब तक भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की गति बनाए रखनी होगी। भारत को पाकिस्तानी लोगों की नजर में पाकिस्तानी सेना को पूरी तरह से बेनकाब करना होगा और पड़ोसी देश में सत्ता संरचना को हमेशा के लिए बदलना होगा। उसके बाद ही पाकिस्तान के साथ एक नया शिमला समझौता हो सकता है। इस राष्ट्र युद्ध में पूर्ण और अंतिम जीत हमारी होगी। जय भारत!
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