भारत में पाकिस्तान के कई कलाकार बहुत ही अधिक लोकप्रिय हैं। इतने लोकप्रिय हैं कि उनके सोशल मीडिया पर लाइक और व्यूज भारत के ही दर्शकों से सबसे अधिक होते थे। हानिया अमीर से लेकर फवाद और माहिरा तक भारत द्वारा आतंकियों पर की जा रही कार्यवाही को लेकर दुखी हैं।
भारत में हानिया अमीर बहुत अधिक लोकप्रिय हैं। हानिया ने मेरे हमसफ़र जैसे ड्रामा में काम किया था और जिसे भारत में भी दर्शक बहुत चाव से देखते थे। हानिया का भोलापन उन्हें बहुत पसंद था। हानिया भी अपने भारतीय प्रशंसकों के लिए पोस्ट आदि करती रहती थीं। मगर हानिया ने अपनी प्रोफ़ाइल से एक पोस्ट को साझा किया जिसमें यह लिखा गया था कि भारत के हमले का एक पीड़ित एक बच्चा है। किस प्रकार का राज्य लोगों के सोते समय नागरिकों पर हमला करता है? इसके साथ ही एक और पोस्ट को साझा किया था जिसमें हिन्दू चरमपंथ की बात की गई थी। हानिया ने जो पोस्ट साझा की थी, उसमें लिखा था कि एक भी पाकिस्तान ने पहलगाम हमले पर खुशी जाहिर नहीं की थी, मगर फिर भी असंख्य भारतीय ट्विटर पर आज एक बच्चे की मौत पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। दो देश वाली थ्योरी को इससे बेहतर कोई भी सही नहीं ठहरा सकता। हिन्दू चरमपंथ का यह चेहरा बहुत दुष्ट है।
हालांकि हानिया अमीर की सभी प्रोफ़ाइल भारत में प्रतिबंधित हैं, मगर फिर भी स्क्रीन शॉट आ रहे हैं। यह वही हानिया अमीर हैं, जिन्होनें अपना इंस्टाग्राम भारत में प्रतिबंधित होने पर एक दूसरा आईडी बना लिया था, हालांकि उनका दूसरा अकाउंट भी भारतीय अधिकारियों ने प्रतिबंधित कर दिया था।
शाहरुख खान के साथ भारतीय फिल्म रईस में काम करने वाली माहिरा खान ने भी भारत को दोषी ठहराया है। पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा ने लिखा कि वह बहुत सौभाग्यशाली हैं कि ऐसे देश में रहती हैं, जहां उन्हें अपनी बात कहने के लिए रोका नहीं जाता। हम अपनी जमीन पर हो रहे अन्याय पर बात करते हैं, हम हर जगह हो रही हिंसाओं का विरोध करते हैं, और वह भी तब जब हमारे मुल्क पाकिस्तान को ही दोषी ठहराया जाता है।
उन्होनें फिर आगे लिखा कि भारत, आपका युद्ध और घृणा कई वर्षों से जारी है। मैंने खुद अपनी आँखों से यह देखा है। आपके मीडिया प्रशंसक विभाजन की आग लगाते हैं। आपके महत्वपूर्ण लोग जीनोसाइड और युद्ध अपराधों पर बात नहीं करते हैं और ऐसा कानून के कारण नहीं बल्कि डर के कारण। उन्होनें भारत द्वारा आतंकी ठिकानों पर किये गए हमलों को शर्मनाक बताया।
इतना ही नहीं फवाद खान, जिनकी फिल्म अबीर गुलाल हाल ही में भारत में रिलीज होने जा रही थी। उन्होनें भी भारत द्वारा आतंकी ठिकानों पर हुए हमलों की निंदा करते हुए पोस्ट लिखी थी। और पाकिस्तान ज़िन्दाबाद का नारा अपनी पोस्ट में लगाया था।
भारत में सनम तेरी कसम फिल्म में काम कर चुकी मावरा ने भी भारत द्वारा की गई इस कार्यवाही पर रोष जताते हुए कहा कि वे भारत के पाकिस्तान पर कायराना हमले की निंदा करती है। फिर उन्होनें लिखा कि अल्लाह हमारी रक्षा करे——
गौरतलब है कि ये सभी कलाकार भारत में बहुत लोकप्रिय हैं और ये सभी कलाकार भारत के कारण ही सोशल मीडिया पर अपना जलवा दिखा पाते हैं। वहीं इन कलाकारों के इस तरह के व्यवहार को लेकर भारत में लोगों के मन में गुस्सा है। आल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर फवाद खान और माहिरा खान द्वारा दिए गए बयानों की निंदा की। एसोसिएशन ने लिखा कि ये बयान हमारे देश के लिए ही अपमानजनक नहीँ है, बल्कि यह उन अनगिनत जानों का अपमान भी है, जो आतंकी हमलों में चली गई थीं। एसोसिएशन ने पाकिस्तानी कलाकारों, फिलमनिर्माताओं, और निवेशकों पर पूरी तरह से प्रतिबंध की बात को दोहराया। कोई भी भारतीय कलाकार किसी भी पाकिस्तानी के साथ काम नहीं करेगा और न ही उनके साथ कोई भी वैश्विक प्लेटफ़ॉर्म साझा किया जाएगा।
एसोसिएशन ने लिखा कि जहाँ पाकिस्तानी कलाकार खुलेआम पाकिस्तान ज़िन्दाबाद का नारा लगाते हैं, तो अब समय है कि भारतीय फिल्म उद्योग भी इस बात को समझे कि इन कलाकारों पर आँखें मूंदकर कला के नाम पर विश्वास करना, अपने देश के गौरव के साथ विश्वासघात है। हमारे देश के कुछ लोग देश की भवनाओं का अपमान करते हुए पाकिस्तानी कलाकारों का समर्थन करते हैं/।
परंतु एक बात समझ में नहीं आती है कि भारत ने बार-बार और तथ्यों के साथ यह स्पष्ट किया है कि भारत ने कोई भी कदम पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ नहीं उठाया है। भारत ने सबूत दिखाए कि उसने केवल और केवल आंतकी अड्डों को ही अपना निशाना बनाया है, ऐसे में पाकिस्तानी कलाकारों का आतंकियों के समर्थन में आना अपने आप में हैरत अंगेज है!
आखिर आतंकी अड्डों पर हुए हमलों को लेकर पाकिस्तानी कलाकार परेशान क्यों हैं, और वह भी उस भारत के प्रति जहाँ पर उन्हें अथाह प्यार और कैरियर के अवसर मिले?
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