रऊफ अजहर, जो कंधार हाईजैक के प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में पहचाने जाता था। सूत्रों के अनुसार 7 मई 2025 को पाकिस्तान के मुरिदके में भारतीय सेना के मिसाइल हमले में रऊफ अजहर मारा गया। यह कार्रवाई भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई थी। रऊफ अजहर पर भारत में कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था, जिसमें 1999 का कंधार विमान अपहरण भी शामिल था। भारत ने पहले ही बता दिया था कि पहलगाम अटैक का बड़ा जवाब दिया जाएगा।
आखिरकार भारत ने मंगलवार रात को पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर दी। इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन सिंदूर” (Operation Sindoor) नाम दिया गया। जिसके तहत राफेल के साथ साथ भारत ने ड्रोन से भी पाकिस्तान पर हमला बोला। आर्मी और वायुसेना के इस संयुक्त ऑपरेशन में भारत ने बहावलपुर में एयर स्ट्राइक कर आतंकी मसूद अजहर के ठिकाने को ध्वस्त किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इस एयरस्ट्राइक में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए हैं।
कौन था अब्दुल रऊफ अजहर?
रऊफ अजहर एक खतरनाक आतंकवादी था। वह जैश-ए-मोहम्मद नाम के आतंकवादी संगठन में वरिष्ठ कमांडर था और इसका प्रमुख मौलाना मसूद अजहर उसका छोटा भाई था। भारत, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने उसे इंटरनेशनल टेररिस्ट घोषित किया था।
IC-814 विमान हाईजैक
24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रहा इंडियन एयरलाइंस का एक विमान IC-814 पांच आतंकियों ने अगवा कर लिया। इस विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर थे। आतंकियों ने इस जहाज को अमृतसर, लाहौर और दुबई ले जाते हुए आखिर में अफगानिस्तान के कंधार ले गए, जहां उस समय तालिबान की सरकार थी। अपहरण करने वालों ने यात्रियों की जान के बदले भारत सरकार से तीन बड़े आतंकवादियों को छोड़ने की मांग की। ये थे – मौलाना मसूद अजहर, उमर सईद शेख और मुश्ताक जरगर। भारत सरकार ने यात्रियों की जान बचाने के लिए इन तीनों आतंकियों को छोड़ दिया। इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड अब्दुल रऊफ अजहर था। उसका मकसद अपने भाई मसूद अजहर को भारतीय जेल से छुड़वाना था। उसने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और एक और आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई थी।
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