भारत के एनएसए अजीत डोवल
6 और 7 मई की मध्य रात्रि भारत के सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जिन्ना के देश में मौजूद आतंकी संजाल को धूल में मिलाने के बाद भारत के एनएसए अजीत डोवल ने जिन्ना के देश के एनएसए ले जन. असीम मलिक से बात की। उन्होंने मलिक को बताया कि ‘भारत ने ‘आपरेशन सिंदूर’ को सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया है। अब आगे हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते। लेकिन अगर तुमने युद्ध छेड़ने जैसी कोई हिमाकत की तो उसका कड़ा जवाब देने के लिए हम तैयार हैं।’ डोवल की पाकिस्तानी एनएसए को ये दो टूक बात भारत के संकल्प को रेखांकित करती है कि अब हम आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे, उसका सख्त जवाब देंगे।
एनएसए डोवल ने इसी संदर्भ में अपने अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और अन्य देशों के समकक्षों से भी फोन पर बात करके भारत की स्थिति से परिचित कराया। उन्होंने साफ कहा कि भारत ने सटीक आपरेशन करके उद्देश्य हासिल किया है, तनाव बढ़ाने जैसी कोई बात नहीं की है। अमेरिकी एनएसए और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ब्रिटेन के एनएसए जोनाथन पॉवेल, यूएई के एनएसए शेख तहनून, यूएई के एनएससी के महासचिव अली अल शम्सी, सऊदी एनएसए मुसैद अल ऐबन तथा जापान के एनएसए मसाताका ओकानो से बात करके डोवल ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा की। उन्होंने स्पष्ट बताया कि पाकिस्तान और पीओजेके में ऐसी नौ जगहों पर आतंकवादियों और आतंकवादी ढांचे पर लक्षित हमले किए गए हैं जो आतंकियों की पनाहगाह बने हुए थे। उन्होंने बताया कि यह पहलगाम हमलों का जवाब था जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
इसी कड़ी के सूत्रों के अनुसार, रूस के एनएसए सर्गेई शोइगु, चीन के विदेश मंत्री वांग यी तथा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार से भी संपर्क किया गया था। एनएसए डोवल ने अपने समकक्षों को ब्योरेवार बताया कि आपरेशन सिंदूर कैसे चलाया गया था। यह सीमित, सटीक और तनाव बढ़ाने वाला आपरेशन था। डोवल ने पुन: स्पष्ट किया कि भारत तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं रखता। लेकिन अगर पाकिस्तान की तरफ से ऐसी कोई हरकत करने की हिमाकत की गई तो उसे तगड़ी मार पड़ेगी। पता चला है कि डोवल आने वाले दिनों में भी कुछ अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ संपर्क करेंगे।
इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री और एनएसए मार्को रुबियो ने भारत तथा पाकिस्तान के समकक्षों से बात करके अपील की है कि वे बातचीत का रास्ता खुला रखें और देखें कि आपस में तनाव न बढ़े। अमेरिका के विदेश विभाग ने इस बारे में एक्स पर पोस्ट साझा की है।
ऑपरेशन सिंदूर पर एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कल भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने साफ किया था पहलगाम के बर्बर आतंकवादी हमले में लोगों को उनके परिजनों के सामने बहुत पास से सिर में गोली मारी गई थी। उनका कहना था कि परिवार के लोगों को बर्बरता दिखाकर आतंकित किया गया। उन्हें इस दृश्य को ‘मोदी’ को देने को कहा गया था। मिसरी के अनुसार, यह हमला स्पष्ट रूप से कश्मीर में सामान्य स्थिति को चोट पहुंचाने के मकसद से किया गया था। भारतीय गुप्तचर एजेंसियां आतंकियों की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए थीं।
मिसरी को कहना था कि ‘हमारी गुप्तचर जानकारी के अनुसार, भारत के विरुद्ध और हमले होने वाले थे। उन्हें रोकने की मजबूरी के चलते, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए अपने हक का इस्तेमाल किया… हमारा आपरेशन सटीक और प्रामाणिक तथ्यों के आधार पर किया गया था। इसी प्रेस वार्ता में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि कुल नौ आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा गया था। उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया है। नागरिकों और उनके बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। किसी भी नागरिक की जान न जाए इसलिए तथ्यों की जांच के बाद सटीक जगहों को चुना गया था।’
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