भारतीय सशस्त्र बलों ने अभी जिस तरह से पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया, उसने एक ओर जहां पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि आतंकवाद जहां कहीं से भी पोषित होगा, भारत उसका सटीक जवाब देगा। तो दूसरी ओर पाकिस्तान के हर नागरिक को उन पिताओं के आए संदेशों से यह संदेश दे दिया गया है कि तुम यदि किसी के बेटों की हत्या करोगे तो बदले में तुम भी अपने बेटों को खोने के लिए तैयार रहो, तुम हमारा एक बेटा लोगे बदले में तुम्हारे चार बेटे मिट्टी में मिला दिए जाएंगे। इसलिए हमारी चुप्पी और शांति को कायरता समझने की भूल मत करो।
वस्तुत: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा है कि “भारत सरकार ने जो कदम उठाया है, वो बिल्कुल सही है। उनके 9 ठिकानों पर कड़ा प्रहार किया गया है, यह सदैव उनके जहन में गूंजता रहेगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसका एकदम सटीक नाम रखा गया है।”
इसी तरह से जम्मू-कश्मीर के आतंकी हमले में बलिदान हुए शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी का यह कहना कि ‘आज में रात दो बजे से खबरें देख रहा हूं। मैं अपने देश की सेना को सलाम कर रहा हूं। मैं अपने देश के प्रधानमंत्री को भी धन्यवाद देता हूं। उन्होंने देश के 140 करोड़ लोगों की बात को समझा है। हमारे दिल को दर्द समझा है। जिस तरह हमारी सशक्त सेनाओं ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया है। पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद को करारा जवाब दिया है। मैं अपने देश की सेना को धन्यवाद अर्पित करता हूं।’
संजय द्विवेदी इस संबंध में आगे बोले कि ‘आज हमारे परिवार ने रात दो बजे से हल्कापन महसूस किया है। जो दिल में हमारे दर्द था। उस पर मरहम लगा है। शुभम की आत्मा को सच्चे तौर पर आज शांति मिली है। आज जिस तरह उसने देश के लिए बलिदान दिया था। उसका बलिदान आज व्यर्थ नहीं गया है। सेना को तो मैं बार-बार सलाम करता हूं। तीन सेनाओं के सशक्त जवानों को मैं धन्यवाद देता हूं। पाकिस्तान में बैठे हुए आकाओं का विध्वंस कर दिया है। अगर किसी तरह की गलत हरकत पाकिस्तान ने करने की कोशिश की तो विध्वंस कर देंगे।’
शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी यहां यह भी बोले कि भारतीय सेना द्वारा उठाए गए कदम ने देश की सरकार में विश्वास की भावना पैदा की है। जिस तरह से भारतीय सेना ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को खत्म किया है, उसके लिए मैं हमारी सेना को धन्यवाद देता हूं। जब से हमने यह खबर सुनी है, मेरा पूरा परिवार हल्का महसूस कर रहा है।
पहलगाम आतंकी हमले में पर्यटकों को बचाने की कोशिश करते हुए स्थानीय निवासी सैयद आदिल हुसैन शाह की मौत हो गई थी। उनके पिता हैदर शाह ने कहा, “आज जो 26 मारे गए लोगों का बदला लिया गया उससे हम खुश हैं। हम सरकार का धन्यवाद करते हैं, फौज और सरकार ने बदला लिया।”
पहलगाम हमले में अपने बेटों को खोनेवाले इन तीन पिताओं के अलावा हुतात्मा विनय नरवाल की मां आशा देवी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जो कहा है, वह भी हम सभी के लिए आगे कि दिशा देती है कि जिन्होंने अपने परिजनों को इस आतंकी हमले में हमेशा के लिए खो दिया है, उनकी मंशा आखिर अपनी सरकार से क्या है! मां आशादेवी कहती हैं, “ये बहुत ही अच्छी बात है कि जो पीएम मोदी ने बदला लिया है मैं उनके साथ हूं, जनता और हमारा पूरा परिवार उनके साथ है। सेना के जवानों को मैं संदेश देना चाहती हूं कि वो आगे बढ़ते रहें और ऐसे ही बदला लेते रहें कि ऐसी घटना दोबारा न घटे।”
यहां प्रतिक्रिया पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए संतोष जगदाले की पत्नी प्रगति जगदाले की भी आई है, सेना के ऑपरेशन पर उन्होंने कहा, “इसके लिए मैं आभार व्यक्त करती हूं क्योंकि पीएम मोदी ने पाकिस्तान को ये दिखा दिया कि हम भी चुप बैठने वालों में से नहीं है।” इस हमले में मारे गए कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी संगीता गणबोटे ने कहा, “इन्होंने जो कार्रवाई की है वो एकदम सही किया है और ऑपरेशन का नाम सिंदूर देकर महिलाओं को सम्मान भी दिया है।” वहीं, कौस्तुभ गणबोटे के बेटे कुणाल गणबोटे ने कहा, “हमने जो प्रतिशोध लिया है ये एकदम सही है और ये होना ही चाहिए था। हम सभी इसी चीज की प्रतीक्षा कर रहे थे हम भारत सरकार से बहुत उम्मीद लगाकर बैठे थे तो ये बिल्कुल सही किया। इन्होंने ऑपरेशन का नाम भी बिल्कुल सही दिया है, ‘सिंदूर’ नाम देकर पीएम मोदी ने सभी महिलाओं को सम्मान दिया है।”
पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले भारत भूषण के भाई प्रीतम ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा, “हम सरकार के फैसले का पूरी तरह से समर्थन करते हैं, क्योंकि आतंकी संगठनों को निशाना बनाया गया है।” वहीं, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की पत्नी ने जवाबी कार्रवाई पर कहा है कि “मैं अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं। मेरे पूरे परिवार को उन पर भरोसा था और जिस तरह से उन्होंने (पाकिस्तान को) जवाब दिया, उसने हमारे भरोसे को कायम रखा है। यह मेरे पति को सच्ची श्रद्धांजलि है। मेरे पति जहां भी होंगे, आज उन्हें शांति मिलेगी।”
वास्तव में आज इन सभी हुतात्माओं को जहां भी वे हैं, वहां शांति अवश्य मिल रही होगी। क्योंकि भारत ने अपने दुश्मनों से इस तरह सशक्त अटैक करते हुए बदला लेना शुरू कर दिया है। इस ‘ऑपरेशन सिंदूर सर्जिकल स्ट्राइक’ से न सिर्फ पाकिस्तान की सेना और सरकार को भारत ने अपना संदेश साफ दे दिया है, बल्कि वहां की आवाम को भी बता दिया है कि यदि तुम इसी तरह से पाकिस्तान की आतंकवादी नीति का समर्थन करते रहोगे तो भारत तुम्हें इसी तरह से अचानक मारता रहेगा। तुम हमारे सभ्य नागरिकों को निशाना बनाओगे और सोचेगे कि तुम बच जाओगे तो यह तुम्हारा भ्रम है। तुम्हें एक के बदले अपने चार बेटे खोने ही होंगे। अब आगे निर्णय तुम पर है, कैसा व्यवहार करना है भारत के साथ !
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