जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। सेना ने कल रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया। यह जानकारी आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत एक वीडियो के साथ हुई, जिसमें हवाई हमले की झलक दिखाई गई। इसके बाद विंग कमांडर व्योमिका सिंह, कर्नल सोफिया कुरैशी और विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मीडिया को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पूरी जानकारी दी।
“विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि 22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भारतीय पर्यटकों पर हमला किया। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मृत्यु हुई। यह घटना 26/11 मुंबई हमलों के बाद देश में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जा रहा है।
विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह कार्रवाई की और आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सख्त नीति और आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का उदाहरण है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस वार्ता में कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला बहुत ही कायराना और निंदनीय है। इस हमले में कुछ लोगों को उनके परिवार के सामने ही मार दिया गया, और आतंकियों ने पीड़ितों से कहा कि वे इस हमले की जानकारी अपनी सरकार को दें।
उन्होंने बताया कि यह हमला जानबूझकर जम्मू-कश्मीर में बनी शांति और अच्छे माहौल को बिगाड़ने के मकसद से किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 2.25 करोड़ से ज़्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए थे, और यह हमला राज्य के विकास और तरक्की को रोकने की साज़िश है, जो पाकिस्तान द्वारा करवाई गई है। विदेश सचिव ने कहा कि इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फोर्स’ नाम के एक आतंकी संगठन ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है और पाकिस्तान से संचालित होता है। यह संगठन सिर्फ एक मुखौटा है, जो लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों की गतिविधियों को अंजाम देता है।
विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान अब दुनिया भर में आतंकवाद के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में जाना जाता है। भारत सरकार ने पहले ही 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि पर रोक जैसे कई सख्त कदम उठाए थे, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उल्टा, वह भारत पर ही आरोप लगाता रहा। ऐसी स्थिति में भारत ने यह ज़रूरी समझा कि वह अपने ऊपर हो रहे आतंकी हमलों का जवाब दे। भारत ने यह कार्रवाई सोच-समझकर और ज़िम्मेदारी के साथ की। हमने सिर्फ आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया है, न कि आम नागरिकों को।
भारत पहले भी पाकिस्तान को बता चुका है कि लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों के ठिकाने उसकी जमीन से चल रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया। इसलिए, अपने देश की सुरक्षा के लिए भारत को कार्रवाई करनी पड़ी। यह कदम न केवल आत्मरक्षा के लिए था, बल्कि आतंक को बढ़ावा देने वालों को जवाबदेह ठहराने के लिए भी था। भारत की यह कार्रवाई संतुलित, ज़िम्मेदार और उकसावे के बिना की गई है, और इसे इसी नज़रिए से देखा जाना चाहिए।
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