वाराणसी में संदिग्धों की पहचान करने के लिए अभियान चलाया जा रहा हैं। इसी क्रम में पिछले कई दिनों से काशी में रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, गांवों के बाहरी क्षेत्र, पार्कों के आस पास अभियान चलाकर रोहिंग्या – बांग्लादेशियों की पहचान की जा रही हैं। अभी तक 60 संदिग्ध लोगों को चिन्हित किया गया हैं।
कयास लगाया जा रहा है कि कही ये लोग रोहिंग्या – बांग्लादेशी मुस्लिम तो नहीं हैं? इनमें से 59 लोगों के पास पश्चिम बंगाल के बीरभूमि और एक के पास किशनगंज का बना आधारकार्ड मिला हैं। वाराणसी पुलिस ने सभी की एक सूची बनाकर पश्चिम बंगाल के डीजीपी को भेजा हैं। सत्यापन के बाद जांच रिपोर्ट मांगा है।
जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि ये लोग भारतीय हैं या फिर बांग्लादेश से अवैध तरीके घुसपैठ कर भारत पहुंचे हैं। रिपोर्ट आने तक सभी की निगरानी भी की जाएगी। वाराणसी पुलिस ने विभिन्न इलाकों में अभियान चलाकर सैकड़ों लोगों से पूछताछ की। इनमें से ज्यादातर लोग पश्चिम बंगाल के बीरभूमि से आए लोग हैं। सड़कों के किनारे झुग्गियों में ये लोग रहते हैं। मजदूरी और कूड़ा उठाने का कार्य करते हैं।
पश्चिम बंगाल में बीरभूमि से घुसपैठ की खबरें अक्सर आती रहती हैं। इसलिए वाराणसी पुलिस इस मामले पे अलर्ट है। ऐसा देखा गया है कि अक्सर फर्जी दस्तावेज बनवाकर भारत के अन्य राज्यों में निकल जाते हैं। इस बार सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं।
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