भारत ने कसा जिन्ना के कंगाल देश पर शिकंजा, अब फंडिंग लेने में छठी का दूध याद आएगा जिहादियों के रखवाले को
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भारत ने कसा जिन्ना के कंगाल देश पर शिकंजा, अब फंडिंग लेने में छठी का दूध याद आएगा जिहादियों के रखवाले को

भारतीय वित्त मंत्री ने एडीबी के अध्यक्ष मासातो कांडा से भी भेंट की तथा उनसे कहा कि पाकिस्तान को कोई फंडिंग न दी जाए क्योंकि वह आतंकवाद का प्रायोजक है

by Alok Goswami
May 6, 2025, 06:02 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
इटली के वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी के साथ निर्मला सीमारमण

इटली के वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी के साथ निर्मला सीमारमण

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पहलगाम आतंकी हमला कराकर जिन्ना का देश बहुत बुरी तरह फंस गया है। भारत के एक के बाद एक सख्त कदमों ने उसकी मुश्कें कसनी शुरू कर दी हैं। सिंधु का पानी रोकने के बाद उसके यहां हाहाकार मचने लगा है, आपस में लोग सिर फोड़ रहे हैं। कूटनीतिक स्तर पर दुनिया के 80 फीसदी से ज्यादा देश पाकिस्तान को दुत्कारते हुए भारत के पाले में आ खड़े हुए हैं। भारत जिन्ना के देश की अब एक और लगाम कसने जा रहा है। पाकिस्तान दसकी आशंका से ही थरथराने लगा है। सिंधु जल संधि निरस्त करने के बाद अब भारत ने पाकिस्तान को जिलाए रख रहे कर्जे के रास्ते बंद करने शुरू किए हैं। सुना है इस बाबत इटली तथा एशियन डेवलपमेंट बैंक से बात भी हो चुकी है।

पाकिस्तान बचने के लिए रणनीतियां तो बना रहा है लेकिन उसके यहां अराजकता का माहौल है, विश्वसनीयता की कमी है और देश के लिए कुछ करने की भावना किसी नेता में नहीं है, वे भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं। भारत के सख्त कदमों का उसके पास कोई तोड़ नहीं है। भारत ने उसकी आर्थिक नाकेबंदी के लिए इटली और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से जिन्ना के देश को दिए जाने वाले अनुदान को रोक देने की बात की है। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मिलान, इटली में चल रही एडीबी की 58वीं सालाना बैठक के बीच इटली के वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी से इस विषय पर मिली हैं। बैठक में सीतारमण ने कहा भी कि इटली पाकिस्तान में अपने वित्तीय सहयोग और परियोजनाओं पर रोक लगा दे तो बहुत बेहतरी होगा।

भारतीय वित्त मंत्री ने एडीबी के अध्यक्ष मासातो कांडा से भी भेंट की

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम यानी यूएनडीपी और इटली का विकास कोऑपरेशन पाकिस्तान में कई जगह काम कर रहे हैं और उस देश में अनेक परियोजनाओं में पैसा लगा रहा है। इतना ही नहीं, भारतीय वित्त मंत्री ने एडीबी के अध्यक्ष मासातो कांडा से भी भेंट की तथा उनसे कहा कि पाकिस्तान को कोई फंडिंग न दी जाए क्योंकि वह आतंकवाद का प्रायोजक है और पहलगाम हमले का दोषी भी।

22 अप्रैल के पहलगाम हमले को भारत ने बहुत गंभीरता से लेते हुए विश्व के अनेक देशों के साथ परामर्श किया है और उस आधार पर पाकिस्तान के संदर्भ में व्यवहार किया है। पाकिस्तान कितना भी मुकरे पर सच यही है कि उसने हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसेआतंकवादियों के सरगनाओं को पाल रखा है। जिन्ना के देश ने आतंकवाद को राज्यनीति बनाया हुआ है और कश्मीर में अस्थिरता फैलाए रखना ही उसका एकमात्र एजेंडा है।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने राजनयिक संबंध सीमित कर दिए हैं। 1960 की सिंधु जल संधि को निरस्त करके उसने संकेत दिया है कि वह जिन्ना के आतंक के पोषक देश को घुटने पर लाने को प्रतिबद्ध है। सूत्रों के अनुसार, भारत का अगला कदम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ से बात करना है जिससे कि आगे फिर पाकिस्तान को दोबारा ‘ग्रे लिस्ट’ का दाग लगाए रखा जाए। सीतारमण इस मोर्चे पर पूरी तरह से जुटी हुई हैं। इटली और एडीबी से शुरुआत हुई है। जिन्ना के देश को कर्जा मिलने के चीन को छोड़कर और भी जितने ठिकाने हैं, सब पर मोर्चा संभाले जाने की उम्मीद है। इटली में 7 मई तक चलने वाली इस बैठक में इस संदर्भ में अनेक फैसले हो सकते हैं। निर्मला सीतारमण इस बैठक के कई महत्वपूर्ण सत्रों में भाग लेने वाली हैं। भारत सरकार हर वह प्रयास कर रही है जिससे पड़ोसी इस्लामी देश को सबक मिले कि आतंकवाद को शह देना उसके अस्तित्व के खात्मे का रास्ता है।

Topics: पाकिस्तानPakistanभारतterrorismfinanceपहलगामItalyPahalgam attackadbundpeconomy
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