मध्य प्रदेश में एक के बाद एक सामने आ रहे लव जिहाद और मुस्लिम युवकों के षड्यंत्रों ने जैसे पूरे तंत्र को हिलाकर रख दिया है। अभी टीआईटी महाविद्यालय मामले में लव जिहाद के आरोप में फरहान खान, साहिल खान, मोहम्मद साद, अली खान और नबील को गिरफ्तार किया गया। अभी इस केस की जांच चल ही रही है कि दमोह में इसी तरह का मामला सामने आया। अब उज्जैन से लव जिहाद हुआ है। इसमें 12 से अधिक मुस्लिम युवकों ने कई हिन्दू लड़कियों को नाम बदलकर अपने प्यार में फंसाया, उनके आपत्तजिनक वीडियो बनाए और फिर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू कर दिया गया।
मामला उज्जैन जिले के घट्टिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिछड़ोद, नजरपुर और मक्सी का है। ‘लव जिहाद’ के तहत कई हिन्दू बालिग-नाबालिग लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाया गया। यह साजिश एक संगठित गिरोह बनाकर की गई। इन हिन्दू लड़कियों के जब आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बना लिए गए तब शुरू हुआ इन्हें ब्लैकमेल करने का खेल। अब तक की जांच में सामने आया है कि इन्होंने न सिर्फ इन लड़कियों के शरीर से खेला बल्कि इनसे जब चाहे तब मोटी रकम भी हासिल की। दूसरी ओर ये अभागी लड़कियां परिवार, समाज और अपनी इज्जत के डर से इनकी तमाम प्रताड़नाओं को सहने के बाद भी चुप बनी हुई हैं। बताया जा रहा है कि यहां मुस्लिम आबादी 30 प्रतिशत है। मामले को राज्य बाल आयोग ने प्रमुखता से संज्ञान में ले लिया है।
सात आरोपी हिरासत में
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि अभी सात आरोपी फरमान निवासी बिछड़ोद, इकरार निवासी बिछड़ोद, उजैर पठान, राजा रंगरेज, जुबेर मंसूरी, जुनेद मंसूरी और फैज खान को रात में हिरासत में ले लिया है । उनसे पूछताछ चल रही है, सभी के मोबाइल का डेटा साइबर की टीम एनालिसिस कर रही है। इसमें अन्य जानकारियां जल्द सामने आएंगी।
एक मोबाइल और उजागर हो गया बड़ा खेल
दरअसल, यह प्रकरण कभी पकड़ ही नहीं आता यदि एक युवक के मोबाइल के फोटो सामने नहीं आते। भोपाल टीआईटी कॉलेज का प्रकरण सामने आने के बाद से यहां के हिन्दू युवाओं को कुछ मुस्लिम लड़कों पर शक था। उनकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। ग्रामीणों ने एक लड़के को पकड़ा और उसके मोबाइल की जांच की, जैसे ही वे उसके मोबाइल को देखने लगे तो उसमे कई हिन्दू लड़कियों की आपत्तिजनक फोटो और वीडियो मिले। जब युवक से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने एक के बाद एक खुलासे करने शुरू कर दिए। इस युवक के मोबाइल से अन्य युवतियों के अलावा पांच नाबालिग लड़कियों के आपत्तिजनक फोटो-वीडियो मिलने की जानकारी सामने आ रही है।
इस मुस्लिम लड़के फरमान खान ने बताया कि हिन्दू लड़कियों को योजना से ‘लव जिहाद’ का शिकार बनाने में वह अकेला नहीं, पूरी साजिश में आठ से अधिक मुस्लिम युवक शामिल हैं। इस खुलासे के बाद से गांव में आक्रोश है। ग्रामीणों से उक्त युवक को पुलिस के हवाले कर दिया और फिर जब पुलिस ने इसमें जांच शुरू की तो अनेक परते खुलना शुरू हो गई हैं। हालांकि इसमें पुलिस पर भी उंगलियां उठ रही हैं, कुछ स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्हें चुप रहने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।
पीड़िताएं सामने आने से बच रहीं
लव जिहाद और हिन्दू युवतियों को ब्लैकमेल करने का मामला उजागर होने के बाद अब तक कई पीड़ित परिवारों की जानकारी सामने आई है, लेकिन वे इज्जत और समाज में मान-सम्मान के जाने के भय से रिपोर्ट दर्ज कराने सामने नहीं आ रहे हैं। एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि थाना घट्टिया में कुछ प्रमुख ओहदेदारों द्वारा उसे चुप रहने की धमकी तक भी दी गई है। लेकिन जब गांव की बेटियों की इज्जत दांव पर हो, तो चुप रहना असंभव हो जाता है। इसलिए हम चुप नहीं रहे।
कई मुस्लिम आरोपी हिरासत में लिए गए
दूसरी ओर जैसे ही मामला हिंदू संगठनों के संज्ञान में आया, हिंदू जागरण मंच और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के पदाधिकारी गांव पहुंचे, जब तक ग्रामीणों ने गांव बंद की घोषणा कर दी थी, जिसके चलते पूरा बाजार आज बंद है। लोगों की मांग है कि सभी आरोपियों के मोबाइल जब्त कर पूरी निष्पक्षता के साथ जांच की जाए, ताकि यह सामने आ सके कि कितनी और लड़कियां इस जाल में फंसी हैं। इस प्रकरण में कुछ आरोपियों को पुलिस हिरासत में लिया गया है, उनके मोबाइल फोन जांचे जा रहे हैं, कुछ न पकड़े जाने के भय से अपने मोबाइल को रिसेट कर दिया है, पर पुलिस की कोशिश है कि पुराने वीडियो और फोटो को रिकवर कर पाए। एसपी उज्जैन ने थाना टीआई को लाइन अटैच कर दिया है, पर अब यहां आक्रोश कम नहीं हो रहा।
जांच के लिए प्रदेश स्तरीय एसआईटी गठित
मुख्यमंत्री मोहन यादव पहले भी ‘लव जिहाद’ जैसे मामलों को लेकर सख्त कदम उठाने की बात कह चुके हैं। उसके बाद इन मामलों की जांच के लिए प्रदेश में लड़कियों और महिलाओं के साथ रेप, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने एवं यथा स्थिति जानने के लिए पुलिस मुख्यालय ने स्टेट लेवल विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी की निगरानी भोपाल पुलिस मुख्यालय की महिला सुरक्षा शाखा करेगी, जिसमें कि ये एसआईटी अब उन तमाम घटनाओं की विस्तृत जांच करेगी जिसमें बालिकाओं-महिलाओं को बहलाकर, धमकाकर या प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया या उन्हें ब्लेकमेल किया गया या जा रहा है। इसमें ये एसआईटी संलिप्त व्यक्तियों, संगठनों या गिरोहों की पहचान और उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की शिफारिश भी करेगी।
एसआईटी की कमान भोपाल देहात के पुलिस महानिरीक्षक (आई) अभय सिंह को सौंपी गई है, जो भोपाल, उज्जैन, इंदौर, दमोह, सागर, राजगढ़ समेत सभी जिलों में आर रहे इन जैसे सभी मामलों की गहनता से जांच करेगी। भोपाल पुलिस कमिश्नरेट के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंकज श्रीवास्तव और पुलिस मुख्यालय के तीन वरिष्ठ अधिकारी इस दल में सहयोगी बनाए गए हैं।
प्रदेश के इन जिलों में तत्काल सामने आए हैं प्रकरण
भोपाल के बाद दमोह से इसी प्रकार के दो प्रकरण, सागर, ग्वालियर, इंदौर, राजगढ़, छतरपुर के बाद अब उज्जैन से इस प्रकार की लव जिहाद एवं ब्लैकमेल करने की शिकायतें सामने आई हैं। पुलिस को इन सभी मामलों में से कई में अन्य राज्यों के मुस्लिम संगठन एवं अन्य लोगों के संलिप्त होने का भी पता चला है। जिसमें कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार एवं अन्य राज्यों के कुछ युवकों के नाम सामने आ चुके हैं। वहीं, इस सब को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना का कहना है कि प्रदेश भर में घट रहीं ऐसी घटनाएं न केवल बड़े अपराध हैं, बल्कि यह सभी महिलाओं की गरिमा, स्वतंत्रता और सामाजिक शांति के लिए गंभीर चुनौती भी हैं।
प्रदेश की घटनाओं को विभिन्न आयोगों ने लिया संज्ञान में
उज्जैन जिले के घट्टिया थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिछड़ोद, नजरपुर और मक्सी के सामने आए इस लव जिहाद मामले को मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान में लिया है। राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने कहा कि अभी इस मामले को लेकर एसपी उज्जैन से बात हुई है और अन्य प्रमुख लोगों से भी बातचीत की जा रही है। आयोग के संज्ञान में आया है कि जिन पांच बच्चियों के फोटो और वीडियो आरोपी के मोबाइल से जब्त किए गए हैं, वे वभी नाबालिग हैं। ऐसे में पॉक्सों की धारा एवं अन्य धाराओं में तो पुलिस कार्रवाई करेगी ही साथ ही हम सरकार से आग्रह करेंगे कि इसकी गहराई से जांच कर पूरे मामले में जितने भी अपराधी हैं, उन्हें पकड़े। ये पकड़ सिर्फ आरोपी तक सीमित न होकर उन्हें सहयोग देनेवालों की भी हो। साथ ही इन बच्चियों के लिए सुरक्षा के इंतजाम भी करवाएं जाएं।
डॉ. निवेदिता शर्मा ने कहा कि आयोग भोपाल, सागर, दमोह, उज्जैन, इंदौर समेत सभी जिलों से जो इस प्रकार के प्रकरण सामने आ रहे हैं, उन पर अपनी नजर बनाए हुए है और प्रशासन को सख्त कानूनी कार्रवाई करने तथा जो भी जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए उनके लिए लगातार लिख रहा है। इनका यह भी कहना रहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने अपराध रोकने के लिए सख्त निर्देश पहले ही दिए हैं। अब उनके कथन पर चलना राज्य के प्रशासन का काम है। दूसरी ओर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया है।
टिप्पणियाँ