चंडीगढ़। अमृतसर में दो दिन पहले पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़े युवाओं सूरज मसीह और फलक शेर मसीह ने कई राजफाश किए हैं। पुलिस हिरासत में सूरज मसीह ने बताया कि दो साल पहले वह ईसाई समुदाय के कुछ लोगों के संपर्क में आया था। उसे ईसाई बनाने के बदले कुछ पैसे देने का झांसा दिया गया। एक साल पहले उसका मतांतरण तो करवा दिया गया, लेकिन पैसे नहीं दिए गए। पैसे नहीं मिले तो वह रुपयों के लिए पाकिस्तान की जासूसी करने लगा।
पुलिस ने सूरज मसीह और फलक शेर मसीह को अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों को सात मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा है। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले दोनों आरोपियों को ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर ले जाया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने कई राज खोले हैं। वह पिछले डेढ़ साल से आईएसआई के चाचा और पठान नाम के दो एजेंटों के संपर्क में थे।
चाचा और पठान से मिले निर्देश
चाचा और पठान के इशारे पर यहां से सैन्य ठिकानों, पुलिस थानों, बीएसएफ के जवानों की गश्त वाली मूवमेंट आदि इंटरनेट मीडिया से अपने मोबाइलों से भेज रहे थे। गौरतलब है कि पंजाब के सीमांत इलाके में पैसों के लिए मतांतरण का काम तेजी से चल रहा है और देखने में आ रहा है कि मतांतरित लोग इस तरह की देशविरोधी गतिविधियों में आसानी से संलिप्त हो जाते हैं।
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