जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक के बाद एक करके पाकिस्तान के खिलाफ कड़े फैसले लिए हैं। वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने अपने ही देश की सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर पाकिस्तान में बढ़िया कवरेज हासिल की है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धा रमैया से लेकर विजय वडेट्टीवार, मणिशंकर अय्यर,सैफुद्दीन सोज और रॉबर्ट वाड्रा के दिए बयानों से पूरे देश में कांग्रेस का लगातार विरोध हो रहा था।
इतना ही नहीं कांग्रेस ने इन बयानों का विरोध होते देख पार्टी लाइन से किनारा कर लिया और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कह दिया कि ये बयान उन नेताओं के निजी बयान हैं। अभी जयराम रमेश के इस बयान से पार्टी डैमेज कंट्रोल से उबर भी नहीं पाई थी कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने फिर बदजुबानी कर दी और राफेल को खिलौना बता दिया जिसके बाद बीजेपी को फिर मौका मिल गया।
कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को अपने नेताओं के बयानों से दूरी बनाते हुए स्पष्ट किया कि वे पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हाल के दिनों में कुछ नेताओं द्वारा दिए गए बयान उनकी व्यक्तिगत राय हैं और उन्हें ऐसा कहने का कोई अधिकार पार्टी ने नहीं दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा, “मैं यह बिल्कुल स्पष्ट करना चाहता हूं कि ये बयान कांग्रेस की ओर से नहीं हैं।” जयराम रमेश ने कहा कि वर्तमान की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए कांग्रेस का रुख केवल उन्हीं बयानों से तय होगा जो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता राहुल गांधी या एआईसीसी के अधिकृत पदाधिकारी देंगे। उन्होंने कहा, “ऐसे समय में इधर-उधर के लोगों को बोलने से बचना चाहिए। यह वक्त संयम बरतने का है, न कि गैर-जिम्मेदार बयान देने का।”
क्या बोल गए यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय?
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा व्यंग्य किया। उन्होंने एक प्लास्टिक के खिलौना विमान का सहारा लिया, जिस पर ‘राफेल’ लिखा था और उसे नींबू-मिर्च के धागे से बांधा गया था। यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन उन्होंने सरकार की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आलोचना करते हुए किया। अजय राय ने कहा, “हमारे नौजवान पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हो गए और सरकार कहती है कि वह आतंकवाद को कुचल देगी। फ्रांस से राफेल भी ले आए हैं लेकिन उसे नींबू-मिर्च बांधकर खड़ा किया गया है।” उन्होंने सवाल उठाया कि आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई आखिर कब होगी। व्यंग्य को और तीखा बनाते हुए अजय राय ने खिलौने की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस राफेल में आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीछे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठे हैं। उनका यह बयान राजनीतिक व्यंग्य और सरकार की नीतियों पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है।
पाकिस्तान के हाथों की कठपुतली बन गए हैं ये कांग्रेस नेता
अजय राय से पहले कई और कांग्रेसी नेताओं ने पहलगाम हमले पर भारत सरकार के विरोध में बयानबाजी की थी। पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, जिसकी निंदा न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी की गई। इस गंभीर घटना के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाई। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मौके पर सरकार को हर संभव समर्थन देने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर साथ खड़े रहने का संकल्प लिया। लेकिन अभी भारत इस पर एक्शन की तैयारियां ही कर रहा था कि कांग्रेस के नेता एक के बाद एक करके लगातार सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते हुए दिखाई देने लगे। आइए आपको बताते हैं कि कौन-कौन से कांग्रेस नेता अपनी बयानबाजियों की वजह से पाकिस्तान के हाथों की कठपुतली बनते हुए दिखाई दिए।
मणिशंकर अय्यर का बयान
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा, आज तक हम उस बंटवारे के नतीजों के साथ जी रहे हैं। क्या विभाजन के अनसुलझे सवाल ही 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई भयानक त्रासदी को दिखाते हैं? बंटवारे को रोकने की कोशिशों के बावजूद, यह आखिर में गांधी, नेहरू, जिन्ना और अन्य नेताओं से असहमत कई मुस्लिमों के बीच भारत की पहचान और विरासत को लेकर मूल्यों में फर्क था।
सिद्धारमैया का बयान
कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कल कहा, ‘कड़े सुरक्षा उपाय शुरू किए जाने चाहिए। हम युद्ध छेड़ने के पक्ष में नहीं हैं। शांति होनी चाहिए, लोगों को सुरक्षित महसूस होना चाहिए और केंद्र सरकार को प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
विजय वडेट्टीवार का बयान
सीनियर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, पहलगाम हमले में लोग अलग-अलग तरह की बाते बना रहे हैं। आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। किसी के पास इतना समय है कि वे कान में जाकर पूछे कि तुम्हारा धर्म हिंदू है या मुसलमान। बाहर से आए हमलावरों ने 27 लोगों की जान ले ली और चले गए। चाहे कोई धर्म के बारे में पूछे या न पूछे, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनका उद्देश्य देश में अशांति फैलाना, दो समुदायों के बीच हिंसा भड़काना और राष्ट्र को नुकसान पहुंचाना था।
सैफुद्दीन सोज का बयान
पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से लिए गये सख्त फैसलों में से एक सिंधु जल समझौता के निलंबित किए जाने पर कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा था कि सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धों से बची हुई है। यह जल संधि पाकिस्तान के लिए जीवन रेखा है। अगर पाकिस्तान यह रुख अपनाता है कि पहलगाम हमले में उसका हाथ नहीं है, तो हमें पाकिस्तान की बात मान लेनी चाहिए।
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