उत्तर प्रदेश

पद्मश्री योग गुरु बाबा शिवानंद का निधन, 129 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

स्वामी शिवानंद बाबा के 129 वर्ष की आयु में निधन से पूरी काशी और उनके भक्तों में शोक की लहर है।

Published by
अमित मुखर्जी

स्वामी शिवानंद बाबा के 129 वर्ष की आयु में निधन से पूरी काशी और उनके भक्तों में शोक की लहर है। सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें बीएचयू में भर्ती कराया गया था। बाबा शिवानंद के अनुयायी भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए दुर्गाकुंड आश्रम में रखा गया है। 2022 में पद्मश्री लेने वो राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। पुरस्कार लेने से पहले स्वामी शिवानंद बाबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नंदी मुद्रा में प्रणाम किया था, जिसका चर्चा खूब हुई थी। महाकुंभ में भी बाबा का शिविर लगा था। संगम में बाबा ने उसी दौरान स्नान भी किया था।

आधार कार्ड, पासपोर्ट पर बाबा की जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 दर्ज है। उनका जन्म बंगाल के श्रीहट्ट जिले में हुआ था। माता पिता दोनों ही भिक्षु थे। बचपन में उनका पेट कभी नहीं भरता था। उन्होंने भूख को काफी नजदीक से जीवन में महसूस किया था। छह साल की आयु में इसी वजह से मां और पिता ने गुरुदेव के चरणों में नवदीप (बंगाल) ले जाकर उन्हें समर्पित कर दिया था। 1903 में जब अपने गांव श्रीहट्ट गए तो पता चला भूख से बहन की मौत हो चुकी है।कुछ दिनों बाद सुबह उनकी मां की मृत्यु हो गई और फिर उसी दिन सूर्यास्त के बाद उनके पिता की भी मृत्यु हो गई। उसके बाद बाबा शिवानंद वापस अपने गुरु के आश्रम चले गए।

बाबा शिवानंद ने गरीबी और भूख की वजह से दूध, फलों और अन्न का त्याग बचपन से ही कर दिया था। उबला चावल और उबली सब्जी वो खाया करते थे। रोज करीब तीन से पांच लीटर पानी पीते थे। भोर में तीन बजे उठकर नित्य क्रिया कर प्राणायाम, पद्मासन और योगा किया करते थे। एक से दो किमी वो टहलते भी थी। सूर्यास्त के बाद वो कुछ भी नहीं खाते थे। गरीबों और असहायों के लिए काशी, बंगाल और कई अन्य स्थानों पर उनके आश्रम भी हैं। बाबा शिवानंद ने दुनिया के कई देशों की यात्रा भी की और वो कई भाषाओं के अच्छे जानकर भी थे।

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