बद्रीनगरी: सनातन के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक भगवान श्री बद्री नाथ धाम के कपाट, जय बद्री विशाल के जय घोष और सेना के बैंड की भक्तिमय संगीत धुनों के बीच खोल दिए गए। परंपरा के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में सर्वप्रथम मंदिर के रावल , उप रावल और मंदिर से जुड़े पुजारियों ने पहुंच कर विधिविधान के भगवान की पूजा अर्चना कर वहां अभिषेक किया।
करीब एक घंटे की पूजा अर्चना उपरांत धाम में श्रद्धालुओं को आने की इजाजत दी गई। भगवान श्री बद्री विशाल के दर्शनों के लिए करीब चार किलोमीटर लंबी कतार लगी देखी गई। जय बद्री विशाल के जय घोष से बद्री नगरी गुंजायमान होती रही। इस अवसर पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
रावल के साथ भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने वालों में ज्योतिर्मय मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी मौजूद रह कर पूजा अर्चना की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी भगवान बद्री विशाल के पूजन के लिए पहुंचे और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की पूजा की और देश के लिए खुशहाली की कामना की।
ज्यातिर्मठ को आपदा से सुरक्षित करने के लिये मंजूर की 291.15 करोड की धनराशि
भगवान श्री बदरीविशाल के कपाट खुलने की पर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात दी गई। केन्द्र सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर ज्योतिर्मठ को आपदा सुरक्षित करने के लिए 291.15 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। मुख्यमंत्री ने ज्योतिर्मठ के पुनर्निर्माण गतिविधियों के लिये धनराशि की स्वीकृति हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिर्मठ के सुनियोजित विकास तथा सुरक्षित दीर्घकालिक कार्यों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। ज्योतिर्मठ की देवतुल्य जनता तथा क्षेत्र के विकास के लिए भविष्य में हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से न केवल ज्योतिर्मठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सकेगा, अपितु स्थानीय निवासियों एवं देश-विदेश से भगवान बद्रीविशाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षित विश्राम हेतु स्थल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही भगवान बद्रीविशाल के शीतकालीन प्रवास हेतु नरसिंह मंदिर के आस-पास के निवासियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी।
घरों में दिखी थीं दरारें
2 जनवरी, 2023 को ज्योतिर्मठ के कई घरों और अवसंरचनाओं में भू-धंसाव के कारण बड़ी दरारें दिखाई देने लगी थी। ज्योतिर्मठ नगर में स्थित संरचनाओं में से लगभग 22 प्रतिशत संरचनायें इससे प्रभावित हुई थी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत इस संबंध में शासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की जानकारी ली तथा मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्र का भ्रमण किया।
प्रथम चरण में यह काम होगा
प्रथम चरण में परियोजनाओं में अलकनंदा नदी के किनारे Toe Protection कार्य ढलान स्थिरीकरण उपाय,Water and Sanitation शामिल हैं। इन पहलुओं पर डीपीआर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा तैयार करायी गयी है और अनुदान की मंजूरी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार को प्रस्तुत की गई। प्रस्तावित परियोजनाओं को बाद में गृह मंत्रालय में प्रस्तुत किया गया।
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