उत्तर प्रदेश के मेरठ में वक्फ कानून के विरोध में रियाजुद्दीन ने गुरुवार (1 मई) को 30 कॉलोनियों की बिजली काट दी। इस घटना से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। स्थानीय लोगों ने इस मामले की शिकायत ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर से की। मंत्री ने मेरठ क्षेत्र के बिजली विभाग अधिकारियों को तत्काल जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद दोषी पाए गए लाइनमैन रियाजुद्दीन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
दरअसल, वक्फ कानून के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने एक्स पर देश भर के मुस्लिमों से 30 अप्रैल की रात 9 बजे से 9:15 बजे तक घरों की लाइट बंद रखने को कहा था।
इसके बाद रियाजुद्दीन ने मुस्लिमों संगठनों का समर्थन करते हुए 30 कॉलोनियों की लाइट काट दी, जिससे मेरठ के लोहिया नगर, अहमदनगर और जली कोठी जैसे क्षेत्रों के हजारों घरों में अंधेरा छा गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसका वीडियो भी साझा किया है, जिसमें सड़कों तक की लाइट बंद किए जाने के बाद चारों तरफ अंधेरा हो गया है। वहीं, बिजली कटने के बाद कुछ गांव वालों ने अपने घरों में इनवर्टर चालू कर दिए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार (2 मई) सुबह गांव वाले बिजलीघर पहुंचे और कर्मचारी रियाजुद्दीन के खिलाफ लिखित शिकायत दी। इस मामले की जांच चीफ इंजीनियर संजय कुमार को सौंपी गई। जांच के बाद पुष्टि हुई कि रियाजुद्दीन ने जानबूझकर पूरे क्षेत्र की बिजली काटी थी।
चीफ इंजीनियर संजय कुमार ने बताया कि रियाजुद्दीन ने बिना किसी शिकायत और बिना किसी रिकॉर्ड के बिजली काटी, जबकि इस तरह से बिजली नहीं काटी जा सकती, यह नियमों के खिलाफ है। ऐसे में ऊर्जा विभाग ने तत्काल प्रभाव से उसे बर्खास्त कर दिया है।
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