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पाकिस्तान के नेता ही खोल रहे आतंक की पोल! अब बिलावल ने माना— ‘आतंकवाद हमने पाला, उसे भुगत रहे हैं’

पहलगाम में हिंदुओं की हत्या के बाद पाकिस्तान की पोल खुद उसके नेताओं ने खोली। बिलावल भुट्टो और ख्वाजा आसिफ ने माना— पाकिस्तान ने वर्षों तक आतंक को समर्थन दिया।

Published by
SHIVAM DIXIT

पहलगाम हमले में इस्लामिक आतंकियों द्वारा धर्म के आधार पर हिंदुओं की निर्मम हत्या के बाद भारत द्वारा प्रतिशोध के ऐलान के बाद से पाकिस्तानी सेना और उसके नेताओं की हालात खराब है। जिसके चलते अब पाकिस्तान की पोल खुद उसके नेताओं के मुंह से खुल रही है। पहले रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने माना कि पाकिस्तान दशकों से आतंकवाद को पालता रहा है, और अब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने साफ-साफ कह दिया कि पाकिस्तान का अतीत आतंकवाद को समर्थन देने वाला रहा है।

दरअसल बिलावल ने 1 मई को स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में साफ तौर से स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने कट्टरपंथ को समर्थन दिया है। अफगान युद्ध के दौरान मुजाहिदीन को आर्थिक मदद और हथियार देने से लेकर आतंकवादी संगठनों को पालने तक – पाकिस्तान ने हर गंदा खेल खेला।

क्या कहा बिलावल ने..?

बिलावल भुट्टो ने कहा कि “जहां तक ​​रक्षा मंत्री ने कहा है, मुझे नहीं लगता कि यह कोई रहस्य है कि पाकिस्तान का एक अतीत (आतंकवाद) है, नतीजतन, हमने भुगता है। यह कोई राज नहीं, जिसे छिपाया जा रहा। पाकिस्तान ने भुगता है। हम कट्टरपंथ की लहर से गुजरे हैं। लेकिन हमने जो झेला है, उसके परिणामस्वरूप हमने अपने सबक भी सीखे हैं। हमने इस समस्या को हल करने के लिए आंतरिक सुधार किए हैं’”

लश्कर के पालतू टीआरएफ ने ली पहलगाम नरसंहार की जिम्मेदारी

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘The Resistance Front (TRF)’ ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या की। गोलियों की बौछार में पर्यटक मारे गए।

ख्वाजा आसिफ ने भी कबूला था आतंकवाद को संरक्षण

बता दें कि बिलावल से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी यही बात कबूल कर चुके हैं। उन्होंने स्काई न्यूज को बताया था कि पाकिस्तान दशकों तक आतंकवादियों को ट्रेनिंग, फंडिंग और संरक्षण देता रहा है। आसिफ ने आतंकवाद का दोष पश्चिमी देशों पर डालते हुए कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन के कहने पर पाकिस्तान ने ये भूमिका निभाई।

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था— “हमने पश्चिम के इशारे पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया, यह गंदा काम था, और हमने इसकी कीमत चुकाई है।” आसिफ ने यह भी स्वीकारा था कि अगर पाकिस्तान सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और 9/11 के बाद की जंग में कूदने से बचता, तो उसका रिकॉर्ड कहीं बेहतर होता। लेकिन सच्चाई यह है कि पाकिस्तान ने सिर्फ अमेरिका या ब्रिटेन के लिए नहीं, बल्कि भारत को अस्थिर करने के लिए आतंक का इस्तेमाल किया।

घबराया पाकिस्तान, खुद स्वीकार रहा गुनाह

भुट्टो और आसिफ दोनों के बयानों को भारत के बढ़ते कूटनीतिक दबाव का परिणाम माना जा रहा है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। भारत ने सख्त कदम उठाते हुए-

  • सिंधु जल समझौता निलंबित किया,
  • अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट बंद किया,
  • पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाएं रोक दीं।
  • पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद किया

जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी शिमला समझौता स्थगित किया, भारतीय उड़ानों के लिए एयरस्पेस बंद करने और भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द करने जैसे कदम उठाए।

आतंक पालने वालों की खैर नहीं

कुछ विशेष जानकारों की माने तो पहलगाम जैसे हमलों के बाद भारत अब पुरानी नीति पर नहीं लौटेगा। भारत के नेतृत्व की तरफ से संदेश साफ है कि इस बार आतंक को पालने वालों की अब खैर नहीं।

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