गाजा और यमन के बाद अब इजरायल ने सीरिया में भी सैन्य कार्रवाई की है। शुक्रवार सुबह इजरायली सेना ने सीरिया की राजधानी दमिश्क स्थित राष्ट्रपति भवन के पास हवाई हमला किया। इस हमले के बाद सीरियाई सरकार सकते में है। हालांकि अभी तक इस हमले से हुए नुकसान की स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
इससे पहले इजरायल ने सीरियाई सरकार को चेतावनी दी थी कि वह दक्षिणी सीरिया के गांवों में रहने वाले द्रुज जैसे अल्पसंख्यकों को नुकसान न पहुंचाए। हाल ही में दमिश्क के पास सीरिया समर्थक हथियारबंद गुटों और द्रुज लड़ाकों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं, जिनमें कई लोगों की मौत हुई।
द्रुज एक अल्पसंख्यक अरब समुदाय है। इजरायल में लगभग 1.2 लाख द्रुज लोग रहते हैं, जबकि लेबनान और सीरिया में इनकी संख्या अधिक है। दुनियाभर में इनकी आबादी लगभग 10 लाख है। इजरायल ने पहले ही सीरिया के गोलान हाइट्स पर कब्जा कर रखा है, जहां बड़ी संख्या में द्रुज समुदाय के लोग रहते हैं। इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमला सीरियाई सरकार के लिए एक सख्त संदेश है। वे दमिश्क के दक्षिण में सेना की तैनाती और द्रुज समुदाय पर किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सीरिया के गृह मंत्रालय ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। दमिश्क के पास सहनाया शहर में द्रुज आत्मरक्षा सेनाओं और हथियारबंद गुटों के बीच झड़पें हुई हैं। यहां अधिकतर द्रुज लोग रहते हैं। सुरक्षा कारणों से शहर के आने-जाने के रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, हाल की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें द्रुज लड़ाके, नागरिक, सरकारी सुरक्षाकर्मी और सरकार समर्थक मिलिशिया शामिल हैं। यह हिंसा एक ऑडियो क्लिप से भड़की, जिसमें इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक बातें कही गई थीं। इसके बाद तनाव फैल गया और कई इलाकों में जवाबी हमले शुरू हो गए।
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