आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऑफिस का तनाव आम बात हो गई है। मीटिंग, डेडलाइन, काम का दबावऔर ऑफिस की राजनीति से मन बेचैन हो जाता है। इसका असर न केवल हमारी प्रोफेशनल लाइफ पर पड़ता है बल्कि पर्सनल लाइफ भी इससे प्रभावित होती है। अगर आप भी ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे हैं तो श्रीमद्भगवद्गीता की कुछ शिक्षाएं जरूर अपनाएं। गीता केवल धर्म का नहीं बल्कि जीवन का सार भी बताती है। खासकर जब मन अशांत हो और जीवन में तनाव हो।
जब आप ऑफिस में पूरे मन से काम करते हैं और परिणाम की चिंता नहीं करते, तो तनाव अपने आप कम हो जाता है। गीता सिखाती है कि जीवन में सुख-दुख, लाभ-हानि, सफलता-असफलता ये सब जीवन का हिस्सा हैं। अगर हम हर परिस्थिति को शांत मन से स्वीकार करना सीख लें तो मानसिक तनाव बहुत कम हो सकता है।
हर दिन कुछ समय अपने लिए निकालें। ध्यान करें, श्वास पर ध्यान दें, खुद से सवाल पूछें- क्या मैं सही दिशा में जा रहा हूं? इससे आपकी सोच स्पष्ट होगी काम करने की क्षमता बढ़ेगी और मन भी शांत रहेगा। मनुष्य का मन ही उसका सबसे बड़ा मित्र भी होता है और सबसे बड़ा शत्रु भी। यदि आप अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करना सीख लें तो बाहर की परिस्थितियाँ आपको ज्यादा प्रभावित नहीं करेंगी। तनाव को आप अपने ऊपर हावी नहीं होने देंगे।
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