चार जुलाई को भगवान बद्रीनाथ धाम कपाट खोले जाने के लिए मंदिर के मुख्य पुजारी रावल और उप रावल बद्रीमंदिर ऋषिकेश से रवाना हुए। परंपरा के अनुसार उन्हें गढ़वाल राइफल्स के फूलों से सजे वाहन में बैठ कर अपनी यात्रा शुरू की।
मुख्य रावल की अगुवाई में देव प्रयाग पहुंच कर ,संगम स्थल पर मां गंगा का पूजन कर आशीर्वाद लिया गया और उसके बाद पौराणिक रघुनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर सकुशल तीर्थ यात्रा की कामना की गई।
मुख्य रावल और उनके साथ चल रहे पुजारियों के दल ने मां धारी देवी के भी दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया गया। उल्लेखनीय है श्रीनगर के पास अलखनंदा के बीचों बीच स्थापित मां धारी देवी को चारो धामों की रक्षक देवी माना जाता है।
टिप्पणियाँ