आरोपी जिप लाइन ऑपरेटर (बाएं से) और मृतक पर्यटक
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का एक नया वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जिपलाइन करते हुए ऋषि भट्ट नाम के शख्स के कैमरे में आतंकी पर्यटकों पर गोलियां बरसाते हुए दिख रहे हैं। वीडियो में फायरिंग की आवाज भी साफ तौर पर सुनाई दे रही है। आतंकी हमले में अहमदाबाद के रहने वाले पर्यटक ऋषि भट्ट और उनका परिवार बाल-बाल बचा है। ऋषि भट्ट का दावा है कि जब वह जिपलाइन कर रहे थे तब उनके ऑपरेटर ने तीन बार ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाया था और इसके तुरंत बाद पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं। फिलहाल पर्यटक के दावे को लेकर एनआईए ने जिपलाइन ऑपरेटर को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।
बैसरन मैदान में पत्नी और बेटे के साथ छुट्टियां बिताने गए ऋषि भट्ट ने वीडियो वायरल होने के बाद मीडिया से बातचीत में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने उस दिन के खौफनाक अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उन्हें जिपलाइन ऑपरेटर पर सौ फीसदी शक है कि वह भी आंतकियों से मिला हुआ था, क्योंकि उसने जैसे ही तीन बार ‘अल्लाह हू अकबर’ बोला उसके बाद ही गोलियां चलने लगीं। ऋषि भट्ट ने बताया कि जब घर आने के बाद उन्होंने वीडियो को देखा तो वह हैरान हो गए। उन्होंने ध्यान दिया कि पहलगाम में जिपलाइन ऑपरेटर ने उन्हें छोड़ने के बाद तीन बार सिर हिलाकर अल्लाह-हू-अकबर बोला। पयर्टक के अनुसार, उनके सामने नौ लोग पहले से जिपलाइन कर चुके थे, लेकिन ऑपरेटर ने तब कोई नारा नहीं बोला था, लेकिन जब वह जिपलाइन के लिए जा रहे थे तभी उसने तीन बार ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाया, जिसके तुरंत बाद ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगती है। वायरल वीडियो में भी नारा लगाते हुए ऑपरेटर के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है।
भट्ट ने यह भी बताया कि जब वह जिपलाइन से नीचे कूदे तो 20 सेकंड बाद उन्हें महसूस हुआ कि यह एक आतंकी हमला है। उन्होंने तुरंत बीच में ही जिपलाइन रोक अपनी बेल्ट खोली और लगभग 20 फीट की ऊंचाई से नीचे कूद गए। नीचे आकर वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ जान बचाकर भागने लगे। रास्ते में उन्होंने देखा कि कुछ लोग पहले से ही एक गड्ढे में छुपे हुए हैं, वे भी पत्नी और बेटे के साथ जाकर वहीं छिप गए। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने उनके सामने दो परिवारों के पुरुष सदस्यों से पहले उनका धर्म पूछा और फिर उन्हें गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया। इस खौफनाक मंजर को देखकर उनकी पत्नी और बेटा दोनों चिल्लाने लगे।
पर्यटक ने आगे बताया, “गोलीबारी करीब 8 से 10 मिनट तक लगातार चलती रही। थोड़ी देर के लिए गोलियां थमीं, लेकिन कुछ ही देर में फिर से फायरिंग शुरू हो गई। मैंने अपनी आंखों से 15 से 16 पर्यटकों को गोली लगते देखा।” जब वे गेट के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि स्थानीय लोग वहां से पहले ही जा चुके थे, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई थी।
भारतीय सेना के घटनास्थल पर पहुंचने के बाद भट्ट और अन्य फंसे पर्यटकों ने राहत महसूस की। उन्होंने भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सेना ने समय पर पहुंचकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई। वह बताते हैं कि भारतीय सेना लगभग 20 से 25 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गई थी। उन्होंने सभी फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित वहां से निकाला कुछ देर बाद स्थिति नियंत्रण में आई।
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियो ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन पर ताबड़तोड़ गोलिया बरसाई थीं, जिससे 26 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
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