विश्व

बहुमत ना मिलने के बावजूद मार्क कार्नी बने रहेंगे कनाडा के प्रधानमंत्री, लिबरल पार्टी को समर्थन दे सकती है क्यूबेक

कनाडा के आम चुनाव में लिबरल पार्टी ने केवल 162 सीटें जीती है। ऐसे में वह बहुमत से पीछे है।

Published by
प्रमोद कौशल

कनाडा में फेडरल चुनावों के नतीजे आ रहे हैं और लिबरल पार्टी 162 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बकर उभरी है। कनाडा के वरिष्ठ पत्रकार ऋषि नागर से हुई बातचीत से जानकारी मिली है कि लिबरल पार्टी को बहुमत मिलता फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा, चूंकि बहुमत के लिए 172 सीटें जरूरी हैं लेकिन लिबरल पार्टी 162 पर ही सिमटती नजर आ रही है।

हालांकि लिबरल पार्टी सरकार बना लेगी और मार्क कार्नी प्रधानमंत्री बने रहेंगे, क्योंकि क्यूबेक पार्टी जो कि 25 सीटों पर जीत चुकी है, लिबरल पार्टी को सरकार बनाने के लिए समर्थन दे सकती है। बता दें कि कनाडा के यह आम चुनाव इसी साल अक्टूबर में होने थे, लेकिन ट्रंप की टैरिफ नीतियों से खफा मार्क कार्नी ने पिछले महीने मजबूत जनादेश के साथ ही ट्रंप से निपटा जा सकता है, ऐसा कहते हुए चुनाव का ऐलान कर दिया था।

याद रहे कि कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा था तो उनके इस्तीफे के बाद मार्क कार्नी को प्रधानमंत्री चुना गया था। गौरतलब है कि कनाडा में प्रधानमंत्री का कार्यकाल सामान्यतः 4 साल का और अधिकतम 5 साल का होता है, लेकिन बहुमत खो देने पर या फिर पीएम चाहे तो समय से पहले संसद भंग कर नए चुनाव का ऐलान कर सकते हैं।

कार्नी ने ऐसा ही किया। कनाडा की कुल जनसंख्या 3.82 करोड़ है जबकि कुल वोटर 2.82 करोड़ हैं। जिनमें महिल व पुरूष वोटर्स 1.4 करोड़ यानि कि तकरीबन बराबर ही हैं। कुल 338 सीटों वाली कनाडाई संसद में इन चुनावों के दौरान लिबरल पार्टी को 44.1 फीसदी वोट शेयर मिला, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी को 38.5 फीसदी। उधर, कंजर्वेटिव पार्टी के लीडर पीयर पॉलीमियर अपनी सीट से ही चुनाव हार गए। बता दें कि यदि कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार आती तो उन्होंने प्रधानमंत्री बनना था।

Share
Leave a Comment