पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। सरकार और सेना दोनों ही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार बैठे हैं। लेकिन, देश में ही कुछ लोग ऐसे हैं, जो कि जाने-अनजाने पाकिस्तान के लिए बैटिंग कर रहे हैं। इन लोगों में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं। वैसे तो कांग्रेस सरकार के साथ बैठकों में सक्रिय तरीके से भाग ले रही है, लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस के ही नेता ये नरैटिव गढ़ने की कोशिशें कर रहे हैं कि युद्ध हुआ तो भारत लड़ाई हार जाएगा। इस तरीके की बात करने वाले नेता हैं यूडी मिंज।
लाइव हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, मिंज मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं औऱ कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं। मिंज कहते हैं कि पाकिस्तान के साथ निर्णायक युद्ध की बात करने वालों को ये समझने की आवश्यकता है कि पाकिस्तान के साथ चीन भी है औऱ इस युद्ध में भारत की हार निश्चित है। अपने तर्क को कुतर्क का अमलीजामा पहनाते हुए 26 अप्रैल को अपने फेसबुक पोस्ट में मिंज कहते हैं कि चीन ने पीओजेके में जबर्दस्त निवेश किया है, ग्वादर पोर्ट को भी उसी ने विकसित किया है। बलूचिस्तान का भी यही हाल है। इन सब के अलावा चीनी सेना वहां पर सुरक्षा के नाम पर पहले से ही तैनात है।
बलूच आर्मी की औकात उन्हें रोकने की तो नहीं है। इसलिए पुलवामा पार्ट-2 के बाद बालाकोट कौवा मार स्ट्राइक के लिए तैयार रहिए।
विवाद बढ़ते ही कहा अकाउंट हैक हो गया
खास बात ये है कि कांग्रेसी नेता अलग ही तरह से देश के खिलाफ नरैटिव सेट करने में लगे हुए हैं। यूडी मिंज के 26 अप्रैल को की गई पोस्ट पर जब उनका विरोध शुरू हुआ तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मेरा अकाउंट किसी ने हैक कर लिया था।
कांग्रेस का हर नेता पोटेंशियल देशद्रोही
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय़ के मीडिया एडवाइजर पंकज झा ने यूडी मिंज के बयान पर करारा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि आप इस बात को मान लीजिए कि कांग्रेस का हर नेता एक पोटेंशियल देशद्रोही है। और अगर वो धर्मान्तरित हो फिर तो नीम चढ़ा करेला ही समझो। इस तरह के लोग देशहित की बात तो कभी कर ही नहीं सकते हैं। अगर गलती से ऐसा करने भी लग जाएं, तो उनके चेहरे की विवशता सारी कहानी बयां कर ही देती है।
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सिद्धारमैया ने भी की थी ऐसी ही बात
इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी पाकिस्तान की तरफ से बैटिंग करते हुए कहा था कि हम तो भाई इस युद्ध के पक्ष में ही नहीं हैं। सिद्धारमैया से पहलगाम में आतंकी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य एक्शन को लेकर पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने तुष्टिकरण की अपनी पुरानी परंपरा को बरकरार रखते हुए वह कहते हैं कि हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। पाकिस्तान के साथ युद्ध करने की क्या जरूरत ही है। उल्टा वह भारत सरकार अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का ज्ञान देते हैं।
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