पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब से भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेना शुरू किया है तो वह पूरी तरह से बौखला सा गया है। उसकी बौखलाहट को इसी बात से समझा जा सकता है कि पड़ोसी देश सीमा पर लगातार फायरिंग कर रहा है। बीते पांच दिन से वह सीमा पर रह रहकर फायरिंग कर रहा है। वहीं उसकी इस हिमाकत का सेना माकूल जबाव दे रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, आज पांचवे दिन भी पाकिस्तान ने बारामुला, अखनूर और कुपवाड़ा सेक्टर में फायरिंग की। फिर क्या था इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान को उसी की भाषा मॆं जबाव दिया। अच्छी बात ये है कि पाकिस्तान के द्वारा की जा रही फायरिंग में अभी तक कोई हताहत नहीं हुआ है।
पाकिस्तान को सता रहा भारत के हमले का खौफ
पहलगाम हमले के एक सप्ताह हो गए हैं। भारत के कड़े रुख का असर पाकिस्तान पर साफ दिख रहा है। वहां के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान से पाकिस्तान के खौफ को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत कभी भी कहीं भी हमला कर सकता है। रायटर्स से बात करते हुए ख्वाजा आसिफ इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि भारत की आक्रामकता को देखते हुए हमने सेना को तैयार रहने को कहा है।
24 घंटे में दूसरी बार PM से मिले रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 घंटे के भीतर सोमवार को दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले। उन्होंने 40 मिनट मुलाकात करके पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर सुरक्षा-व्यवस्था से संबंधित जानकारी दी। इससे पहले रक्षा मंत्री ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान, एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सेना प्रमुखों से अलग-अलग बैठक कर सुरक्षा तैयारियों के बारे में जानकारी ली थी। बाद में रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की बैठक भी संसद भवन के एनेक्सी में हुई।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बीच सीडीएस अनिल चौहान की दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ भी रक्षा मंत्री की आज बैठक हुई है। सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं, जबकि एनआईए इस मामले की गहन जांच में जुटी है। इस बीच रक्षा और सुरक्षा से जुड़े शीर्ष अधिकारियों की बैठकों का दौर भी जारी है। यह बैठकें आतंकियों के खात्मे और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने की रणनीति पर केंद्रित हैं।
टिप्पणियाँ