नई दिल्ली, (हि.स.)। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पहलगाम को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि क्या 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला ‘विभाजन के अनसुलझे सवालों’ का नतीजा था। उनके बयान पर घमासान मच गया है। कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया है। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता के बयान को असंवेदनशील बताया है।
सोमवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पहलगाम में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को पूरे देश ने देखा है। इसके खिलाफ लोगों में व्यापक आक्रोश है। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में और अपने ‘मन की बात’ में स्पष्ट रूप से कहा है कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी, जिसमें सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक की शुरुआत में हमले में जान गंवाने वाले लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया। सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे और भविष्य में उठाए जाने वाले सभी कदमों का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि यह देश में एक बड़ी आतंकवादी घटना है, जहां लोगों को उनके धर्म के आधार पर गोली मार दी गई। उन्हें कहा गया, ‘तुम हमारे धर्म के नहीं हो, तुम हिंदू हो, और गोली मार दी गई। कुछ लोगों को तो कलमा नहीं पढ़ पाने के कारण भी गोली मार दी गई। इसके बावजूद कांग्रेस के कुछ नेता पीड़ितों के इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं कि आतंकवादियों ने उनका धर्म नहीं पूछा।
रविशंकर ने कहा कि यहां तक कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि हम अभी भी विभाजन के परिणामों के साथ जी रहे हैं। यह वही मणिशंकर हैं जिन्होंने कभी पाकिस्तान से प्रधानमंत्री मोदी को हराने में मदद मांगी थी। यह बेहद असंवेदनशील है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सार्वजनिक बयान दिया है कि हम सरकार के कदमों के साथ हैं। यही एक परिपक्व लोकतंत्र की मजबूती भी होती है।
उन्होंने कहा कि जब 26/11 हुआ था, तब भाजपा ने कहा था कि सिर्फ एक लाइन लेनी है कि हम सरकार के साथ हैं। इस समय हम यही अपेक्षा कांग्रेस से भी कर रहे थे लेकिन कांग्रेस के कुछ बड़े बड़े नेता ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे हमें ठेस लग रही है। मसलन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि जंग जरूरी नहीं है, हम इस जंग के पक्ष में नहीं हैं और पाकिस्तान इसे पूरा प्ले कर रहा है।
रविशंकर ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे का अपनी पार्टी पर कोई नियंत्रण नहीं है? एक तरफ कांग्रेस का आधिकारिक बयान कहता है कि वे देश के साथ खड़े हैं, लेकिन दूसरी तरफ उनके नेता जो चाहें कहने के लिए स्वतंत्र हैं। पाकिस्तान इन बयानों का इस्तेमाल अपने मीडिया अभियानों में कर रहा है। ऐसे समय में जब भारत को एकजुट होने की जरूरत है, ये टिप्पणियां हमारे देश की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं। हम इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करना चाहते थे लेकिन इस तरह के व्यवहार के पैटर्न पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जब पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है, तो भी हम एकजुट क्यों नहीं हो सकते?
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को नई दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान कहा था कि क्या 22 अप्रैल को बैसरन के हरे-भरे पर्यटक स्थल पर हुआ आतंकवादी हमला ‘विभाजन के अनसुलझे सवालों’ का नतीजा था।
टिप्पणियाँ