केंद्र सरकार ने सोमवार को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के भारत प्रमुख को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकी हमले की कवरेज पर आपत्ति जताई। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि बीबीसी ने हमलावरों को ‘उग्रवादी’ कहा, जिस पर सरकार ने औपचारिक तौर पर आपत्ति दर्ज कराई है। सरकारी सूत्रों का कहना है, बीबीसी की आगे की रिपोर्टिंग पर नजर रखी जाएगी।
बीबीसी के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के 16 यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया है। इनमें डॉन, समा टीवी, एआरवाई न्यूज, जियो न्यूज, रजीनामा, जीएनएन, इरशाद भट्टी जैसे बड़े चैनल शामिल हैं, जिन पर “भारत के खिलाफ झूठी और सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली सामग्री” प्रसारित करने का आरोप है।
पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस्लामाबाद पर पलटवार करते हुए भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, द्विपक्षीय रिश्ते कम कर दिए हैं और अटारी बॉर्डर चौकी को भी बंद कर दिया है। रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस हमले की जांच अपने हाथ में ली। एनआईए की टीमें पूरे इलाके में साक्ष्य जुटाने के लिए गहन जांच कर रही हैं। एनआईए ने बयान जारी कर कहा कि उनकी टीमें फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से आतंकवादियों की गतिविधियों से जुड़े सुराग तलाश रही हैं।
जांच एजेंसियां प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही हैं ताकि हमले की साजिश की कड़ियां जोड़ सकें। एनआईए, अन्य केंद्रीय एजेंसियां और जम्मू-कश्मीर पुलिस महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में बचे हुए यात्रियों के बयान दर्ज कर रही हैं। इसके अलावा लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े कुछ आतंकियों को हिरासत में लिया है, जो पहले से ही जेलों में बंद थे।
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