पहलगाम, जहां आतंकियों ने किया था नरसंहार (फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान)
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा धर्म पूछकर हिन्दुओं की बेरहमी से हत्या की जघन्य घटना से देश में लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कुछ मुस्लिमों का भी इस्लाम से भरोसा डगमगाने लगा है। वे इस्लाम त्यागकर सनातन धर्म में घर वापसी कर रहे हैं। इसी तरह की एक और खबर आ रही है भवना राम की नगरी अयोध्या से। जहां पहलगाम आतंकी हमले से दुखी मुस्लिम व्यक्ति बबलू खान ने कहा है कि अगर इस्लाम निर्दोष हिन्दुओं की हत्या ही करना सिखाता है तो मैं अपने परिवार के साथ इस्लाम का त्याग कर दूंगा।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर के समर्थक और खुद को सनातनी मुसलमान बताने वाले बबलू खान का कहना है कि इस्लाम भाईचारे का संदेश देता है, लेकिन कुछ आतंकी इसे बदनाम करने पर तुले हैं। वे कलमा नहीं पढ़ पाने पर धर्म के नाम पर हिन्दुओं की हत्या कर रहे हैं। ये इस्लाम नहीं हो सकता। अगर इस्लाम यही सिखाता है तो मैं इसे ठोकर मारता हूं। शनिवार को तपस्वी छावनी में बबलू खान ने जगद्गुरू परमहंसाचार्य से मुलाकात की और उन्हें भेंट स्वरूप शंख दिया। इसी मौके पर बबलू ने दिल की बात कही।
पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए बबलू खान ने चेतावनी दी कि अगर इसी प्रकार से पाकिस्तानी कठमुल्ले आतंकवाद को बढ़ावा देते रहे तो एक दिन ऐसा आएगा कि पूरी दुनिया ही मिलकर उसे खत्म कर देगी। उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान के कठमुल्लों से ये पूछना चाहता हूं कि क्या तुम्हारा कुरान अलग है? अगर तुम्हारे कुरान में आतंकवाद को बढ़ाना ही लिखा है तो वे मुसलमान नहीं हैं।
इस बीच पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पीठाधीस्वर परमहंसाचार्य ने मानवता को बचाने के लिए सभी धर्मों से एकजुट होने की अपील की। साथ ही कहा कि अगर कुरान में निर्दोष हिन्दुओं की हत्या का ही आदेश लिखा है तो करोड़ों की संख्या में मुसलमान घर वापसी करने वाले हैं। ये मानवता के लिए बड़ा संदेश होगा।
गौरतलब है कि पहलगाम में जिस प्रकार से बर्बर आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की बेरहमी से निर्दोष हिन्दुओं की हत्या की थी, उसके बाद से कई लोगों ने इस्लाम को त्यागा है। इसमें इंदौर से शहाबुद्दीन ने घर वापसी कर ली है औऱ अब वे श्यामलाल बन गए हैं। पश्चिम बंगाल में साबिर हुसैन ने इस्लाम त्याग दिया है।
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