शनिवार, 26 अप्रैल को जयपुर के जवाहर कला केंद्र में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जयपुर इकाइयों की संगठनात्मक बैठक क्षेत्रीय महामंत्री डॉ. केशव शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। डॉ. शर्मा ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद की स्थापना की प्राथमिक आवश्यकता पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत की संस्कृति, सद्साहित्य के प्रसार व भारतीय चिंतन को आगे लाने के लिए परिषद का गठन किया गया था। यह भारत की विविध भाषाओं की हर विधा के लेखकों-साहित्यकारों का संगठन है। हम कविता के अलावा विविध विधाओं पर आयोजन करते हैं।
बैठक में जयपुर प्रान्त अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश भार्गव ने सुझाव देते हुए कहा कि जयपुर नगर में 6 इकाईयां हैं जिनको और अधिक सुदृढ करना है। बैठक में जयपुर की सभी इकाईयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जयपुर नगर के सांगठनिक स्वरूप पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। उन्होंने कहा कि सभी को समन्वय के साथ अलग-अलग इकाइयों में आयोजन करने चाहिए। उन्होंने सदस्यता अभियान की योजना प्रस्तुत की और कहा कि इकाई स्तर पर यथाशीघ्र यह कार्य को पूर्ण करना है। सदस्यता 15 दिवस में ही पूर्ण करनी है।
रमेशचंद्र शर्मा व विद्याराम ने कहा कि नेतृत्वकर्ता मजबूत हो तो इकाई अच्छी चलेगी। लाभेश चन्द्र शर्मा ने कहा कि कोई इकाई तब सुदृढ होती है जब उसकी नियमित बैठक हो। साहित्यिक गतिविधियां भी नियमित होनी चाहिए। सभी इकाइयों में युवा जुड़ने चाहिए। रितेश कुमार शर्मा एवं श्रीकांत भारद्वाज ने भी इकाइयों में युवाओं को जोड़ने पर बल दिया। इसके लिए विद्यालयों-महाविद्यालयों में आयोजन करने चाहिए। डॉ. कुसुम शर्मा ‘अदिति’ ने कहा कि नए बच्चों को जोड़ने के लिए नवाचारयुक्त प्रतियोगी रचनात्मक गतिविधियां करवानी चाहिए। चित्र या कोई विचार बिन्दु देकर प्रतियोगिता हों। जैसे अहिल्या बाई पर ही कुछ करवा सकते हैं। डॉ. ममता जोशी और पुरुषोत्तम गुप्ता ने कहा कि इकाई को सुदृढ करने के लिए मासिक बैठक तो होनी ही चाहिए जो अलग-अलग इकाइयों पर हों। इसके लिए महाविद्यालयों में कार्यक्रम करवाने के लिए शीघ्र योजना क्रियान्वित की जाएगी।
परिषद द्वारा जयपुर में अहिल्या बाई होल्कर पर नाट्य मंचन करने पर चर्चा हुई। प्रान्त सहमंत्री डॉ. संजय यादव ने जयपुर में आयोज्य पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की तैयारी बाबत विचार व्यक्त किए। डॉ. ओमप्रकाश भार्गव ने कहा कि काव्यगोष्ठी किसी भी कार्यक्रम का आधार न बने। साहित्य परिषद की रचना केवल कविता प्रोत्साहन के लिए नहीं हुई, सभी विधाओं में कार्य हो। उन्होंने कहानी प्रतियोगिता की कम प्रविष्टियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लिखने वाले और लेखकीय संभावना वाले व्यक्तियों को सदस्य बनाएं। जयपुर महानगर, सांगानेर और जगतपुरा इकाई पूर्ववत रहेगी। हीरापुरा, महापुरा व जगतपुरा इकाइयों को एकीकृत करते हुए जयपुर नगर की वृहद इकाई गठित की जाएगी।
बैठक में ही इकाइयों के दायित्ववान कार्यकर्ताओं को रसीद बुक वितरित की गई। जयपुर प्रान्त महामंत्री राजेन्द्र शर्मा ‘मुसाफ़िर’ ने कहा कि परिषद के साहित्यकारों का साहित्यिक सृजन का डाटा तैयार होना चाहिए। इस बाबत साहित्यकार अपनी प्रकाशित पुस्तकों के विवरण सहित जानकारी शीघ्र उपलब्ध करवाएं। बैठक के समापन पर पहलगांव में हुई दुखान्तिका पर संवेदना व्यक्त करते हुए आतंकवादियों के कायराना कृत्य की भर्त्सना की गई। और दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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