22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद से देशवासियों में गहरा आक्रोश है। इस अत्यंत क्रूर व कायरतापूर्ण आतंकी घटना ने न केवल देश की आम जनता वरन सरकार को भी बुरी तरह झकझोर कर रख दिया है। दुनिया भर के हर नागरिक समाज ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। कोई भी देशवासी यह स्वीकार ही नहीं कर पा रहा है कि सेना की वर्दी में आये पाक आतंकवादियों द्वारा कैसे निर्दोष हिन्दू पर्यटकों की धर्म के नाम पर गोली मार कर हत्या कर दी जाती है। पहलगाम का यह आतंकी हमला पुलवामा के बाद का अब तक का सबसे भयावह आतंकी हमला है। इस भयावह आतंकी कृत्य के विरोध में देशभर में भारी उबाल है। जहाँ एक ओर देशवासियों द्वारा पाकिस्तान और आतंकवाद के पुतले जलाकर आतंक के आकाओं पर सर्जिकल स्ट्राइक की मांग की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर देशभर के संत समाज ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउन्ट्स पर इस जघन्य हत्याकांड की घोर भर्त्सना कर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने चित्रकूट में इस आतंकी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आतंकवादी साजिश पाकिस्तान के इशारों पर अंजाम दी गई है। केंद्र सरकार को इस हमले का जवाब उसी कठोरता से दिया जाए जैसा पुलवामा के बाद किया गया था। उन्होंने कहा, “जब तक आतंकियों की लाशें नहीं गिरेंगी, तब तक देश को सच्चा सुकून नहीं मिलेगा।” कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस हमले पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ’’न केवल कश्मीर बल्कि पूरे भारत और मानवता पर किया गया यह हमला आतंकियों की शैतानी मानसिकता का परिणाम है। अब समय आ गया है कि इन आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया जाए कि फिर कभी भारत की ओर आंख उठाकर न देख सकें।”
परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद मुनि ने इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कि आज पूरी दुनिया आतंकवाद से परेशान है और आज सभी देश भारत के साथ खड़े हैं। अब पाकिस्तान का स्थाई और निर्णायक इलाज जरूरी हो गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
धर्मगुरु देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने मथुरा में इस हमले की तीखी निंदा करते हुए कहा, ‘’जो लोग कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, उन्हें आखिर इतनी हिम्मत कहां से मिलती है? पहलगाम में धर्म पूछ-पूछकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया तो फिर कैसे कह सकते हैं कि यह इस्लामिक आतंकवाद नहीं है? उन्होंने कहा कि अब सहनशीलता की सीमा पार हो चुकी है। जो लोग गोली की भाषा समझते हैं, उन्हें बोली नहीं, गोली की भाषा में ही जवाब देना चाहिए।
आध्यात्मिक गुरु जग्गी वसुदेव ने पहलगाम हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवाद का उद्देश्य युद्ध नहीं बल्कि समाज को भय से पंगु बनाना है। इसका उद्देश्य दहशत फैलाना, समाज को विभाजित करना, देश की आर्थिक वृद्धि को पटरी से उतारना और हर स्तर पर अराजकता पैदा करना है। अगर हम इस देश की संप्रभुता को बनाए रखना और उसका पोषण करना चाहते हैं, तो इन तत्वों से सख्ती से और दृढ़ दीर्घकालिक संकल्प के साथ निपटा जाना चाहिए।
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि दुख और गुस्से की इस घड़ी में पूरी दुनिया को एक साथ आकर आतंकवादियों को उनकी असली जगह दिखानी चाहिए। हर समझदार व्यक्ति इसकी निंदा करेगा, लेकिन अब सिर्फ निंदा करना ही काफी नहीं है; सभी को एक साथ आकर ऐसे लोगों को घेरना चाहिए, जिन्हें इस तरह की आतंकवादी मानसिकता में ढाला गया है। दुनिया में जहां भी इस तरह की मानसिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है, उसे जड़ से खत्म कर देना चाहिए।
पहलगाम के आतंकी हमले पर योग गुरु बाबा रामदेव ने प्रेसवार्ता कर सख्त कार्रवाई की मांग की। योग गुरु बाबा रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहलगाम में हिंदुओं की पहचान पूछकर उन्हें चुन-चुनकर मारा गया। उन्हें कलमा पढ़ने के लिए बाध्य किया गया। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में हिंदुओं को लक्ष्य बनाकर की गई सबसे वीभत्स घटनाओं में से एक है। आज के हिन्दुस्तान में दो तरीके के मुसलमान हैं। एक वे जो संविधान और क़ुरआन को बराबर मानते हैं और दूसरे वे कट्टरपंथी जो नफरत फैला रहे हैं जिनकी नसों में ज़हर घोल दिया गया है। कट्टर इस्लाम पर प्रहार करने के लिए आज देश के हर व्यक्ति को एक योद्धा की तरह राष्ट्र के लिए खड़ा होना होगा।
पहलगाम में आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए वृन्दावन के सुप्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने कहा- इनकी बुद्धि भ्रष्ट है। इन अधर्मियों का विनाश किया जाए। कौन सा ऐसा धर्म है जो दूसरो का अहित करके पुष्ट होता है। यह धर्म नहीं, अधर्म है। अभी पता चल जाए कि शरीर के किसी हिस्से में कैंसर है तो उसे काटकर जिन्दगी बचाई जाती है। दूसरों को पीड़ित करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए
पहलगाम में घटित आतंकी हमले से आहत अखिल विश्व गायत्री परिवार परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलबाला जीजी जी ने गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में हमले में मृत हुए निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर इस कृत्य को मानवता के लिए अत्यंत गंभीर संकट बताते हुए ऐसे बर्बर कृत्य करने वालों को ऐसे कठोरतम दंड देने की मांग की ताकि भविष्य में कोई भी अमानवीयता करने से पहले उनकी रुह कांप उठे। उन्होंने गहरी वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कैसी इंसानियत है कि जाति और धर्म पूछकर निर्दोषों की नृशंस हत्या की जा रही है।
जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर श्री स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने पहलगामा आतंकी हमले पर गहरा दुख जताते हुए एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि “मैं पहलगाम कश्मीर में निर्दोष पर्यटकों पर हुए इस कायरतापूर्ण आतंकी हमले की तीव्र निंदा करता हूँ। यह केवल मानवता पर नहीं, अपितु उस नवजागृत शांति, सौहार्द और एकता के वातावरण पर प्रहार है जिसे कश्मीर की जनता और शासन-प्रशासन ने बड़े प्रयास से सँवारा है। ऐसे जघन्य कृत्यों को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस घिनौने अपराध के दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही हो, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंक और हिंसा का प्रयास हमारे देश की अखंडता, समरसता और सांस्कृतिक एकता को डिगा न सके। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है ; और वहाँ की शांति, पूरे राष्ट्र की सामूहिक साधना का परिणाम है, जिसे किसी भी कीमत पर भंग नहीं होने दिया जा सकता।”
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पहलगाम आतंकी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस घटना से साबित हुआ है कि आतंकवाद का धर्म होता है। ये घटना सामान्य नहीं है। लोगों का धर्म पूछकर उन्हें मारा गया, धर्म विशेष का होने के कारण उनकी हत्या हुई। जिन लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए कहा कि वे हिंदू नहीं हैं उनके कपड़े उतरवाकर चेक किया गया और उन्हें गोली मार दी गयी। ये लोगों की हत्या ही नहीं, बल्कि यह भारत राष्ट्र को चुनौती है। यह हम सब 80-90 करोड़ हिन्दुओं को चुनौती है। यह पूरे देश का अपमान है। देश को इससे पूरी कड़ाई से निपटना चाहिए और देश के सभी हिन्दुओं को आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए एकजुट होना चाहिए।
देश के जाने माने कथावाचक बाबा बागेश्वर उर्फ़ धीरेंद्र शास्त्री ने पहलगाम के आतंकी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हिंदुस्तान में हिंदू होना अगर इतना घातक हो जाए तो इससे बड़ा दुर्भाग्य कोई नहीं है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पहलगाम में जो घटना घटी वह इस सदी की सबसे निंदनीय घटना है। आतंकियों ने यह नहीं पूछा कि तुम ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो, वैश्य हो या सेवक हो; उन्होंने ये नहीं पूछा कि तुम एससी हो, एसटी हो, ओबीसी हो या सवर्ण; उन्होंने ये नहीं पूछा कि तुम तमिल बोलते हो, मराठी बोलते हो, गुजराती बोलते हो या पंजाबी, उन्होंने सिर्फ ये पूछा कि तुम हिंदू हो? और गोली मार दी। उन्होंने कहा कि आज हिंदुस्तान में 80 पर्सेंट होने पर भी हिन्दुओं की जान को खतरा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू बटे हुए हैं। सोचिए पहलगाम की वो 26 जिंदगियां; किसी का भाई गया, किसा का पिता तो किसी का पति, किसी का घर बसने से पहले ही उजड़ गया, सोचिए उनपर क्या बीत रही होगी? अब आतंकवाद को ईंट का जवाब पत्थर से देने का वक्त आ गया है।
शिव महापुराण के कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कठोर निंदा करते हुए अपने फेसबुक पेज पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन आतंकियों का अंत अवश्य होगा। उन्होंने आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकियों ने जाति नहीं देखी, बल्कि हिंदू होने के आधार पर लोगों को निशाना बनाया। उन्होंने एक नवविवाहित युवक का उदाहरण दिया, जिसकी शादी को मात्र आठ दिन हुए थे और कश्मीर घूमने गए इस युवक को गोली मार दी गयी। उन्होंने श्रोताओं से आह्वान किया कि अब समय आ गया है कि हर घर के बेटे-बेटियों को शस्त्र चलाना सीखना चाहिए।
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