पहलगांव में हुए कायराना आतंकी हमले ने पंजाब के साथ लगती भारत-पाक सीमाओं पर होने वाली रीट्रीट सेरेमनी की सूरत और सीरत भी बदल कर रख दी है। भारत के दर्शकों में जोश तो दिखता है परन्तु साथ में गमगीम महौल भी। केवल इतना ही नहीं इस हमले ने कई रीट्रीट सेरेमनी की कई रीतियां भी बदल कर रख दी हैं।
पंजाब में अमृतसर के पास अटारी, फिरोजपुर के पास हुसैनीवाला और फाजिल्का के पास लगती सादकी सीमा पर इस तरह का आयोजन होता है परन्तु आतंकी हमले का इन पर असर देखा जा रहा है। पहले दोनों देशों के बीच बैरिकेड हटाकर रिट्रीट सेरेमनी होती थी, जो अब बैरिकेड लगाकर की जा रही है। इसके अलावा बीएसएफ व पाक रेंजर्स के जवान एक-दूसरे देश की सीमा में प्रवेश कर झंडा नीचे उतारते थे। अब अपनी सीमा में रह कर झंडा उतारने की रस्म पूरी की जा रही है। वहीं, परेड में बीएसएफ जवानों में पहलगाम हमले का गुस्सा देखने को मिल रहा है, लेकिन लोगों को रिट्रीट सेरेमनी देखने की मनाही नहीं है।
इसे भी पढ़ें: बलात्कारी पास्टर बजिंदर एक और यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार, पहले से ही काट रहा उम्रकैद की सजा
आतंकी हमले के बाद परेड स्थल पर बैरिकेड लगाकर ही पाकिस्तानी रेंजर्स अपनी तरफ और बीएसएफ जवान अपनी तरफ रिट्रीट सेरेमनी कर रहे हैं। वहीं, हमले से पहले रिट्रीट सेरेमनी के दौरान बीएसएफ के जवान पाकिस्तान की सीमा के अंदर और पाकिस्तानी रेंजर्स भारत की सीमा के अंदर प्रवेश कर रस्सी से अपने-अपने झंडे को नीचे उतरने की रस्म अदा करते थे, उसे बीएसएफ ने बंद कर दिया है।
वहीं, हुसैनीवाला में अब वीडियो बनाने और फोटो खींचने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। जब भी कोई रिट्रीट सेरेमनी देखने या शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की समाधि पर माथा टेकने के लिए जाता तो सतलुज दरिया के पुल पर उनकी चेकिंग की जा रही है। यह सख्ती पहलगाम हमले के बाद की गई है।
टिप्पणियाँ