पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में गुजरात के तीन लोग मारे गए। सूरत में एक और भावनगर में दो पिता-पुत्र की मौत से पूरा गुजरात शोक में डूबा हुआ है। हालांकि, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार ने मृतकों और उनके परिवारों को गुजरात वापस लाने की तत्काल व्यवस्था की। तीनों मृतकों के शव जब उनके घर पहुंचे तो मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल सहित कई नेता मृतकों के परिजनों के दुख में शामिल होने उनके आवास पर पहुंचे। कुछ गुजराती यात्री अभी भी जम्मू-कश्मीर में फंसे हुए हैं। राज्य सरकार ने उन्हें गुजरात वापस लाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है।
जम्मू-कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए वह यात्रा शायद उनकी आखिरी और सबसे भयानक यादें देनेवाली यात्रा रही होगी। बंदूकों से लैस आतंकवादियों ने पहलगाम में मौज-मस्ती कर रहे पर्यटकों पर हमला कर दिया। आतंकवादियों ने प्रत्येक पर्यटक से उनका नाम और धर्म पूछा और फिर उन पर गोलियां चला दीं। इस आतंकवादी हमले में गुजरात के तीन यात्रियों की जान चली गई। इनमें सूरत से शैलेश कलथिया, भावनगर से पिता-पुत्र यतीश परमार और पुत्र स्मित परमार शामिल हैं। एक अन्य यात्री डाभी विनोद घायल हो गया, जिसका अनंतनाग अस्पताल में इलाज चल रहा है तथा उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
घटना के बाद गुजरात सरकार ने तुरंत कार्रवाई की
पहलगाम की घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री ने तुरंत अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। आपदा प्रबंधन सहित संबंधित विभागों के साथ विशेष बैठक की और तुरंत जम्मू-कश्मीर के स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया। ताकि मृतक यात्रियों और उनके परिजनों को तुरंत गुजरात वापस लाने की व्यवस्था की जा सके। राज्य सरकार ने तीनों शवों और उनके परिवारों को गुजरात वापस लाने की व्यवस्था की, जिसके तहत सूरत के मृतक और उनके परिवार को हवाई मार्ग से कश्मीर से दिल्ली और दिल्ली से सूरत लाया गया। सूरत एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल, गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और मंत्री मुकेश पटेल मौजूद थे। बाद में सभी नेता मृतक के घर गए और उसके परिवार के साथ दुख साझा किया। अगली सुबह जब सूरत से मृतक की शवयात्रा उसके घर से निकली तो गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी भी उसमें शामिल हुए। गृह राज्य मंत्री ने भी गुरुवार के अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए। भावनगर निवासी मृतक पिता-पुत्र तथा उनके परिवार के सदस्यों के शवों को रात में ही हवाई मार्ग से दिल्ली से अहमदाबाद तथा अहमदाबाद से एम्बुलेंस द्वारा भावनगर ले जाया गया। जब पार्थिव शरीर अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचा तो स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल और सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा सहित कई नेता हवाई अड्डे पर मौजूद थे। अगले दिन जब शव भावनगर पहुंचा और पिता-पुत्र दोनों की शवयात्रा निकली तो मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय राज्य मंत्री नीमूबेन बांभणिया और मंत्री कुंवरजी बावलिया भी वहां पहुंचे और परिवार के दुख में शामिल हुए।
गुजरात से 17 पर्यटकों को वापस गुजरात लाने की व्यवस्था की गई
आतंकवादी हमले में गुजरात के तीन पर्यटकों की मौत हो गई तथा एक पर्यटक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे अस्पताल ले जाया गया। जब गुजरात सरकार को सूचना मिली कि 17 अन्य पर्यटक अभी भी कश्मीर में हैं, तो सरकार ने इन 17 पर्यटकों को हवाई मार्ग से कश्मीर से मुंबई वापस लाने की व्यवस्था की।
आतंकवादियों ने कहा, हिंदू और मुसलमान अलग हो जाएं
पहलगाम हमले में बलिदान हुए सूरत के शैलेश कलथिया के बेटे नक्श ने बहुत बड़ा बयान दिया है। नक्श ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब यह आतंकवादी हमला हुआ तो उन्होंने क्या देखा। नक्श ने बताया, “सबसे पहले हम पहलगाम गए, जिसे मिनी स्विट्जरलैंड माना जाता है। चूँकि सड़क खराब थी, इसलिए हम घोड़े पर सवार होकर चले। वहां पहुंचकर हमें भूख लगी, लेकिन तभी गोलियों की आवाजें सुनाई देने लगीं। गोलियों की आवाज सुनकर हम भागने लगे। उसी समय वे आतंकवादी हमारे सामने आए और बोले, हिंदू अलग और मुसलमान अलग। बाद में हिन्दुओं को गोली मार दी गयी। बाद में, वे सभी आतंकवादी गायब हो गये। इसलिए हम बचकर नीचे की ओर भागे। एक व्यक्ति की दाढ़ी बहुत बड़ी थी। उसने सिर पर टोपी पहन रखी थी और एक कैमरा लगा रखा था। उन्होंने सभी हिन्दुओं को गोली मार दी और भाग गये।”
गुजरात सरकार ने कश्मीर में फंसे गुजरातियों के लिए हेल्पलाइन शुरू की
गुजरात सरकार कश्मीर में फंसे गुजरातियों को वापस लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इसी के तहत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से दो हेल्पलाइन नंबरों की भी घोषणा की गई है। लैंडलाइन और मोबाइल नंबरों की घोषणा की गई है, जिन पर फंसे हुए तीर्थयात्री या उनके परिवार गुजरात लौटने के लिए राज्य सरकार से मदद मांगने के लिए संपर्क कर सकते हैं।
पहलगाम हमले के बाद कच्छ सीमा पर अलर्ट
गुजरात के सीमावर्ती जिले कच्छ में पहलगाम हमले के बाद एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है। कच्छ पुलिस और बीएसएफ अलर्ट पर हैं। आतंकी हमले के बाद कच्छ पुलिस ने चेकपोस्ट पर सघन जांच अभियान चलाया है। कच्छ के प्रवेशद्वार अडेसर हाईवे पर वाहनों की चेकिंग की जा रही है और वाहनों की गहन जांच की जा रही है। कच्छ जिले में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की गहन जांच की जा रही है। सीमा पर बीएसएफ द्वारा विशेष जांच की जा रही है। कच्छ में धोलावीरा सीमा से आने वाले वाहनों की जांच और गश्त शुरू कर दी गई है।
आतंकी हमलों के बाद गुजरातियों ने अपनी 90% यात्राएं रद्द कर दीं
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से घबराए गुजरातियों ने अपनी छुट्टियों के दौरान कश्मीर की एडवांस बुकिंग रद्द कर दी है। पर्यटकों ने अगले जुलाई तक जम्मू-कश्मीर के लिए बुक की गई 90 प्रतिशत यात्राएं रद्द कर दी हैं। अहमदाबाद से श्रीनगर जाने वाली उड़ानें भी पिछले दो दिनों से 50% से अधिक खाली उड़ रही हैं।एल
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