नई दिल्ली । नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्ला के कश्मीर में पर्यटन को “सांस्कृतिक आक्रमण” कहे जाने के बाद घाटी में तनाव और बढ़ गया है। इस बयान के कुछ ही दिनों बाद दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में एक भयावह आतंकी हमला हुआ, जहां आतंकियों ने कथित रूप से हिंदू पर्यटकों की पहचान पूछकर उन पर गोलियां बरसाईं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (बैसारन) में हुए इस आतंकी हमले ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है—क्या घाटी में हिंदू होना अब अपराध है? आतंकियों ने पहले धर्म पूछा और फिर हिंदू सुनते ही गोलियां चला दीं। यह हमला तब हुआ जब चंद दिन पहले ही नेशनल कांफ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह ने कश्मीर में बढ़ते पर्यटन को “सांस्कृतिक आक्रमण” बताया था।
पहले लगाई आग, अब खेल रहे विक्टिम कार्ड
इस हमले के बाद अब रुहुल्लाह अपने ऑफिस एक्स (ट्विटर) हैंडल पर लिख रहे हैं- “बैसारन, पहलगाम में पर्यटकों और स्थानीय लोगों पर हुए बर्बर हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। ऐसी हिंसा हमारे साझा मानवीय मूल्यों का अपमान है। कश्मीर हमेशा से मेहमानों के लिए बाहें फैलाकर खड़ा रहा है।”
जनता ने लिया आड़े हाथ
वहीं अब सोशल मीडिया पर रुहुल्लाह से जनता पूछ रही है— “क्या आप वही नहीं हैं जिन्होंने पर्यटन को ‘सांस्कृतिक आक्रमण’ कहा था..? क्या आप ही नहीं थे जिन्होंने 90 के दशक के कश्मीरी हिंदू नरसंहार को ‘फिर से दोहराए जाने’ की चेतावनी दी थी..? अब जब आपकी बयानबाज़ी से प्रेरित मानसिकता ने मासूम हिंदू पर्यटकों पर गोलियां बरसाईं, तो आप अचानक ‘शांति संदेश’ देने लगे”?
धर्म पूछकर मारी गोली’ – चश्मदीद का बयान
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकी हमलावरों ने पहले पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और जब पुष्टि हुई कि वे हिंदू हैं, तब उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। एक महिला पर्यटक ने डरी हुई आवाज में बताया, “उन्होंने पूछा, आप हिंदू हो? हमने हां कहा… और तभी गोली चलने लगी।” घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सुरक्षाबलों ने तत्काल क्षेत्र की घेराबंदी कर दी और आतंकियों की तलाश के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है।
बता दें कि कश्मीर घाटी के पहलगाम में आतंकवादियों के इस हमले में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है और कम से कम 20 लोग घायल हो गए हैं। हमले के बाद पहलगाम क्षेत्र को सील कर तलाशी अभियान चलाया गया है। आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत गसुरक्षा बलों को सभी दिशाओं में तैनात किया गया है।
बता दें कि यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब वर्षों से आतंकवाद से जूझ रहे कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। साथ ही अमरनाथ तीर्थयात्रा भी 3 जुलाई से शुरू होने वाली है। साथ ही यह आतंकी हमला ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने परिवार के साथ देश की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। हमले वाली जगह का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कई लोग खून से लथपथ और जमीन पर बेसुध पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि एक महिला पर्यटक अपने प्रियजनों की तलाश में रो रही है।
यह प्रश्न अब नेशनल कॉन्फ्रेंस की आत्मा से जुड़ा है— क्या वह आतंकी मानसिकता को पनाह देगी या फिर उन विचारों को खारिज करेगी जो पर्यटकों को ‘आक्रमणकारी’ बताते हैं? और उमर अब्दुल्ला रुहुल्लाह की इस जहरीली विचारधारा से किनारा करेंगे, या खामोशी से उसका समर्थन करते रहेंगे?
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