मोहाली के समाजसेवी नेताओं ने बलात्कार के मामले में सजा काट रहे पादरी बजिंदर पर किसान की पिटाई और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है और कहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रशासन ने कब्जा की गई जमीन खाली नहीं कराई। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता भगत सिंह दुआबी, लोकहित मिशन के नेता गुरमीत सिंह, रविंदर सिंह बजीदपुर और पंथक अकाली लहर के यूथ नेता सतनाम सिंह टांडा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को सीसीटीवी फुटेज दिखाए।
फुटेज में चार साल पहले की घटना दिखाई गई है, जब पादरी बजिंदर ने माजरी ब्लॉक के गांव बूथगढ़ के किसान लखबीर सिंह लक्खा पर जानलेवा हमला किया। किसान को अधमराकर सड़क पर फेंक दिया गया था। हमले की तस्वीरें और वीडियो भी मीडिया के साथ साझा की गईं।
नेताओं ने बताया कि पादरी बजिंदर ने 2021 से लखबीर सिंह की जमीन पर कब्जा कर रखा है। मामले में कोर्ट ने 22 नवंबर 2024 को किसान के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने प्रशासन को जमीन खाली करवाने के लिए पुलिस बल और ड्यूटी मजिस्ट्रेट की तैनाती के आदेश दिए थे, लेकिन आज तक सिर्फ खानापूर्ति हुई। कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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भगत सिंह दुआबी ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन बजिंदर के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा। किसान की पिटाई की सीसीटीवी में साफ दिख रहा है कि उसे बेरहमी से मारा गया। जान से मारने की कोशिश की गई। इसके बावजूद पुलिस ने ढिलाई बरती। नेताओं ने मीडिया को कोर्ट का आदेश भी दिखाया। यह आदेश जिला मजिस्ट्रेट मोहाली की तरफ से जारी किया गया था। आदेश के पेज नंबर चार में जज ने लिखा कि पादरी बजिंदर अपने रसूख और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से किसान पर झूठे केस दर्ज करवा रहा है। जेल में बैठकर भी पादरी बजिंदर अपना साम्राज्य चला रहा है। वह अपने प्रभाव और पुलिस में पहुंच के दम पर उनकी पूरी टीम पर झूठे केस दर्ज करवा रहा है।
दुआबी ने प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर तय समय में किसान लखबीर ङ्क्षसह को उसका हक नहीं मिला, तो वह किसान और सिख संगठनों के साथ मिलकर संघर्ष शुरू करेंगे।
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