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इटली की PM जॉर्जिया मेलोनी का अवैध अप्रवासियों पर कड़ा रुख: कहा-‘बिना दस्तावेज घुसे तो वहीं भेज देंगे, जहां से आए हो’

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त नीति की घोषणा की है। बिना दस्तावेज इटली में प्रवेश करने वालों को हिरासत में लेकर वापस भेजा जाएगा। सोशल मीडिया पर उनके इस कदम की जमकर तारीफ हो रही है।

Published by
Kuldeep singh

यूरोप में अवैध अप्रवासियों की संख्या बड़ा ही गंभीर विषय बना हुआ है। इससे जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और इटली समेत ज्यादातर यूरोपीय देश परेशान हैं। लेकिन, अधिकतर देशों की ये सरकारें खुद को महान दिखाने के चक्कर में इस समस्या से मुंह मोड़े बैंठी हैं। इसी क्रम में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अवैध अप्रवासियों के मुद्दे कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चाहे कोई भी हो, अगर कोई बिना दस्तावेज के इटली में घुसेगा तो उसे वहीं भेज दिया जाएगा, जहां से वो आए हैं।

रेडियो जेनोआ के द्वारा शेयर किए गए वीडियो में मेलोनी कहती हैं कि मैं उन लोगों को स्पष्ट संदेश देना चाहती हूं, जो गैर कानूनी तरीके से इटली में घुसना चाहते हैं। मानव तस्करों पर भरोसा करना लाभदायक नहीं है, क्योंकि वे आपसे बहुत सारा पैसा मांगते हैं, वे आपको नावों पर बिठाते हैं। वे अक्सर उन यात्राओं के लिए सुसज्जित नहीं होते हैं, और किसी भी मामले में यदि आप इटली में प्रवेश करते हैं, तो आपको हिरासत में लिया जाएगा और वापस भेज दिया जाएगा। हमारी स्थिति किसी और चीज की अनुमति नहीं देती है।

मेलोनी के इस कदम की सोशल मीडिया वर लोग जमकर तारीफ भी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि किसी यूरोपीय नेता ने तो अवैध आप्रवासियों के मामले में अपनी रीढ़ की हड्डी मजबूत की।

इस मामले में साउथ वेल्स के रीजनल डायरेक्टर स्कॉट लुईस मेलोनी की तारीफ करते हुए कहते हैं,”एक मजबूत नेता, सच्चाई की एक पंक्ति और दुनिया झेंप जाती है। कोई दस्तावेज नहीं, कोई अधिकार नहीं। यह क्रूरता नहीं है। यह संप्रभुता है। यह व्यवस्था है। जब कोई राष्ट्र जीवित रहने का फैसला करता है तो ऐसा ही दिखता है। जब यूरोप भर में कमज़ोर नेता अराजकता के आगे घुटने टेकते हैं, तो इटली मजबूती से खड़ा होता है और कहता है, हम मिटेंगे नहीं। जो लोग भूल जाते हैं कि वे कौन हैं, उन्होंने क्या बनाया और अपनी धरती की रक्षा के लिए उन्हें क्या कीमत चुकानी पड़ी, उनके पास विरासत में मिलने लायक भविष्य नहीं होगा। ब्रिटेन, क्या तुम देख रहे हो? क्या तुम सुन रहे हो? क्योंकि यह विरासत की भाषा है। माफ़ी नहीं। आत्मसमर्पण नहीं। आधे-अधूरे उपायों का समय खत्म हो गया है। अपनी सीमाओं की रक्षा करें।”

इसी तरह से एक अन्य यूजर जेम्स स्वाद ने पीएम जॉर्जिया मेलोनी की तारीफ करते हुए कहा कि ये इटली के लिए अच्छा है। आक्रमण को रोकें, जो लोग वहां हैं उन्हें निर्वासित करें। स्वाद इसे इटली की पहचान को बचाने के लिए एक महत्वपूर्म कदम करार देते हैं। वो सरकार से अपील करते हैं कि इतालवी परिवारों को इतालवी बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि उनकी जन्मदर दुनिया में सबसे कम हैं और मैं उनकी संस्कृति को खत्म होते नहीं देख सकता।

गौरतलब है कि यूरोप के अन्य देशों की तरह ही इटली में अवैध शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसमें अफगानिस्तान, सीरिया, नाइजीरिया जैसे देशों से आए मुस्लिम शरणार्थी हैं। इन शरणार्थियों के कारण इटली की न केवल डेमोग्राफी पर असर पड़ा है, बल्कि वहां अपराध में भी बढ़ोतरी हुई है।

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