नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा से हरियाणा के गुरुग्राम में जमीन से जुड़े सौदा मामले में लगातार तीसरे दिन लगभग 6.30 घंटे तक पूछताछ की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने रॉबर्ट वाड्रा से इससे पहले मंगलवार और बुधवार को 6-6 घंटे की पूछताछ की थी। ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा को कल पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है।
ईडी के सामने पूछताछ के लिए पेश होने के दौरान रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से बात करते हुए केंद्र सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जितने दिन भी बुलाएं, हम उपस्थित होंगे। वाड्रा ने कहा कि सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। इनके जवाब पहले ही दिए जा चुके हैं और इसमें कुछ भी नया नहीं है।
रॉबर्ट वाड्रा के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा कि देश के कानून से बढ़कर कोई नहीं है। कानून अपना काम कर रहा है। गुरुवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि आज लगातार तीसरे दिन रॉबर्ट वाड्रा से जो कठिन सवाल पूछे जा रहे हैं, उसका जवाब उन्हें देना पड़ रहा है। आपको जानकर हैरत होगी कि एक ऐसा भ्रष्टाचारी नकली गांधी परिवार इस देश में है, जो हर कानून को तोड़ता है। क्योंकि उनको जनता की चिंता नहीं, बल्कि अपने दामाद की चिंता है। एक ईमानदार सरकार की ताकत क्या होती है, ये भारत में अब जनता को पता चल रहा है।
जानिये क्या है मामला
ग्रुरुग्राम में स्थित जमीन सौदा से जुड़ा ये मामला साल 2008 का है। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। इसी दौरान रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी। इस जमीन का म्यूटेशन कुछ घंटों में ही पूरा करवा लिया गया। इसके तुरंत बाद हरियाणा की सरकार ने वाड्रा की कंपनी को इस जमीन पर कमर्शियल कॉलोनी बनाने का लाइसेंस दे दिया।
वाड्रा की कंपनी ने कुछ महीनों बाद जून, 2008 में वह जमीन डीएलएफ यूनिवर्सल को करीब 58 करोड़ रुपये में बेच दी और कुछ ही महीनों में करीब 50 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इसके बाद साल 2018 में एक सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर इसकी जांच चल रही है।
टिप्पणियाँ