नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर मुस्लिमों के दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की। इसमें व्यापारिक नेता, पेशेवर, डॉक्टर, शिक्षक और दाऊदी बोहरा समुदाय के कई प्रमुख प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने अपने संघर्षों के बारे में बताया। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि किस तरह उनके समुदाय के सदस्यों की संपत्तियों पर वक्फ द्वारा गलत तरीके से दावा किया गया। वक्फ संशोधन अधिनियम लाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि यह काफी समय से लंबित मांग थी।
प्रतिनिधिमंडल ने दाऊदी बोहरा समुदाय के साथ प्रधानमंत्री के लंबे समय से चले आ रहे विशेष संबंध और उनके द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन कानून से उनके समुदाय को काफी लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने यह अधिनियम न केवल अल्पसंख्यकों के लिए बल्कि अल्पसंख्यकों के भीतर अल्पसंख्यकों के लिए लाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा उनकी पहचान को पनपने दिया है, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, वे समावेश की भावना महसूस करते हैं।
प्रधानमंत्री ने वक्फ संशोधन अधिनियम को लाने के पीछे वर्षों की मेहनत के बारे में बताया। उन्होंने वक्फ के कारण लोगों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया और कहा कि इस अधिनियम को लाने के पीछे एक प्रमुख कारण यह था कि प्रचलित व्यवस्था से सबसे अधिक पीड़ित महिलाएं, विशेषकर विधवाएं थीं।
सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के योगदान को सराहा
प्रधानमंत्री ने दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों के साथ अपने मजबूत संबंधों को याद किया। उन्होंने सामाजिक कल्याण की दिशा में काम करने की समुदाय की परंपरा की प्रशंसा की, जिसे उन्होंने वर्षों से देखा है। उन्होंने अधिनियम को लाने में समुदाय के विशेष योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जब वक्फ संशोधन अधिनियम लाने की दिशा में काम शुरू हुआ, तो सबसे पहले जिन लोगों से उन्होंने इस बारे में चर्चा की, उनमें से एक सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन थे, जिन्होंने अधिनियम की विभिन्न बारीकियों के बारे में विस्तृत टिप्पणी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात के बारे में सोशल मीडिया के जरिये भी जानकारी दी।
टिप्पणियाँ