ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड: महेन्द्र हेम्ब्रम 25 साल बाद रिहा
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होम भारत ओडिशा

ओडिशा: अच्छे आचरण के आधार पर ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड के दोषी महेन्द्र हेम्ब्रम 25 साल बाद रिहा

1999 के ग्राहम स्टेन्स हत्याकांड में दोषी महेन्द्र हेम्ब्रम को 25 साल की सजा पूरी करने के बाद ओडिशा की केन्दुझर जेल से रिहा किया गया।

by डा समन्वय नंद
Apr 17, 2025, 09:55 am IST
in ओडिशा
Graham stains murder case

जेल से बाहर आए महेंद्र हेम्ब्रम

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भुवनेश्वर।1999 में ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो बेटों की हत्या के मामले में दोषी महेन्द्र हेम्ब्रम को ओडिशा की केन्दुझर जेल से बुधवार को रिहा कर दिया गया। उन्होंने 25 साल की सजा पूरी की थी। उनकी रिहाई ओडिशा राज्य दंड पुनरीक्षण बोर्ड की मंजूरी के बाद अच्छे आचरण के आधार पर की गई।

जेल अधिकारियों ने हेम्ब्रम को उनके अच्छे व्यवहार के लिए सम्मानित करते हुए औपचारिक विदाई दी और माला पहनाई। जेल से बाहर निकलने के बाद 50 वर्षीय हेम्ब्रम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे धर्मांतरण से जुड़े एक मामले में झूठा फंसाया गया था। मैंने 25 साल जेल में बिताए हैं और आज रिहा हुआ हूं।

जेलर मनस्विनी नायक ने पुष्टि की कि हेम्ब्रम ने राज्य की समयपूर्व रिहाई नीति के तहत सभी आवश्यक शर्तें पूरी की थीं। उन्होंने कहा कि महेन्द्र हेम्ब्रम को राज्य दंड पुनरीक्षण बोर्ड के निर्णय के अनुसार और नियमों के अनुरूप रिहा किया गया है । जेल प्रशासन ने हेम्ब्रम को एक बैंक पासबुक भी सौंपी, जिसमें उनकी जेल अवधि के दौरान की गई श्रम की कमाई जमा की गई थी।
ओडिशा सरकार की 2022 की समयपूर्व रिहाई नीति के अनुसार, आजीवन कारावास पाए दोषियों को रिहा करने से पहले कम से कम 14 साल की सजा पूरी करनी होती है।

गंभीर मामलों, जैसे कि हत्या, में यह अवधि आमतौर पर 20 से 25 साल की होती है। वृद्ध कैदियों के लिए भी विशेष प्रावधान हैं—60 वर्ष से अधिक आयु की महिला और 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष दोषियों को अलग से विचार किया जाता है। इस निर्णय की प्रक्रिया में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों की सिफारिशें शामिल होती हैं, जिसके बाद दंड पुनरीक्षण बोर्ड, मुख्यमंत्री कार्यालय और अंत में राज्यपाल की मंजूरी ली जाती है।

अब इस मामले में दूसरे प्रमुख दोषी दारा सिंह की रिहाई याचिका पर ध्यान केंद्रित हो रहा है। सिंह, जिन्हें 2003 में भुवनेश्वर की सीबीआई अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, की सजा को 2005 में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास में बदल दिया था। वह भी पिछले 25 वर्षों से केन्दुझर जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च को ओडिशा सरकार को निर्देश दिया था कि वह दारा सिंह की रिहाई याचिका पर छह सप्ताह के भीतर निर्णय ले। इस याचिका पर सुनवाई मई के आरंभ में होने की संभावना है।

दारा सिंह ने राज्य की समयपूर्व रिहाई नीति के अधिक उदार व्याख्या की मांग करते हुए जल्दी रिहाई की अर्जी दी है। ज्ञात हो कि 2003 में भुवनेश्वर स्थित सीबीआई अदालत ने दारा सिंह को फांसी और 12 अन्य को, जिनमें हेम्ब्रम भी शामिल थे, आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने इनमें से 11 सह-अभियुक्तों को बरी कर दिया था।

Topics: ग्राहम स्टेन्स हत्याकांडकेन्दुझर जेलओडिशा सरकारMahendra HembramGraham Staines murder caseKeonjhar jailआजीवन कारावासDara Singhlife imprisonmentदारा सिंहOdisha governmentमहेन्द्र हेम्ब्रम
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