ब्रिटेन में कथित आधुनिकता और फ्री स्पीच के नाम पर इन दिनों अजीब चीजें हो रही हैं। ताजा मामले में नॉटिंघम के बीस्टन में एक स्कूल ने ट्रांसजेंडर पहचान को लेकर बहस छेड़ दी है। स्कूल छात्रों को ट्रांसजेंडर पहचान को लेकर पढ़ा रहा है, जिसको लेकर एक मां ने अपनी बेटी के स्कूल के शिक्षकों के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद उसे स्कूल में आने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
जीबी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 42 वर्षीय करीना कॉनवे की बेटी बीस्टन स्थित सनीसाइड स्पेंसर अकादमी में पढ़ती है। उसी स्कूल में 9 से 11 साल के बच्चों को पढ़ाया जाता है कि ट्रांसजेंडर पहचान एक संरक्षित विशेषता है। जब इसकी भनक कॉनवे को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत की। इसके बाद उनके खिलाफ ये एक्शन लिया गया। महिला ने 9 साल के बच्चों को ट्रांस पहचान की पुष्टि करने को लेकर शिक्षकों की आलोचना की। कॉनवे का कहना है कि स्कूलों का उद्देश्य बिना भेदभाव के शिक्षा देना है। एक मां के द्वारा यह बताना कि 2 और 2 मिलकर 4 होते हैं पांच नहीं। और ये अच्छी बात है।
छात्रों को यौन सामग्री दिखा रहा स्कूल
स्कूल के द्वारा प्रतिबंधित महिला कॉनवे जो कि एक बेटी की मां हैं। उनका आरोप है कि स्कूल छोटे बच्चों को यौन कंटेंट दिखा रहा है, जो कि बहुत ही ग्राफिक है। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल पर अश्लीलता को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। कॉनवे कहती हैं कि एक बच्चे के माता-पिता को होमवर्क को चिह्नित नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर हम गलतियां बताएं तो उसे सुना जाना चाहिए।
गौरतलब है कि कॉनवे पर सितंबर 2024 में 4 महीने का बैन लगा दिया था। महिला का दावा है कि स्कूल ट्रस्ट की ओर से उन्हें प्रतिबंध लगाने से पहले एक पत्र भेजा गया था, जिसमें उसने खुद ही इस बात को स्वीकार किया था कि संरक्षित विशेषताओं की व्याख्या में कुछ गलतियां है। बावजूद इसके उन लोगों ने मुझे बैन कर दिया। मैं केवल इतना ही चाहती हूं कि स्कूल सही से और सच्चाई के साथ काम करे। मुझे ये समझ नहीं आ रहा है कि वे ऐसा क्यों सोचते हैं कि इस तरह से वे हमें डरा सकते हैं।
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