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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर किया केस, जानें क्या है कारण?

विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने डोनाल्ड ट्रंप पर संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन का आरोप लगाया है। लेकिन, क्यों, क्या कारण इन आरोपों का ?

Published by
Kuldeep singh

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने यहूदियों के खिलाफ बढ़ आक्रोश में विफल रहने के मामले में हार्वर्ड यूवनिवर्सिटी को मिलने वाले 9 अरब डॉलर के फंड की समीक्षा शुरू कर दी है। ये एक प्रोफेसरों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने ट्रंप के खिलाफ केस फाइल कर दिया।

क्या है पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स के दो ग्रुप ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी संविधान के पहले अमेंडमेंट का उल्लंघन कर रहे हैं। 9 अरब डॉलर के फंड की समीक्षा को प्रोफेसर्स के ग्रुप ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है। मेसाचुसेट्स की फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर किए गए केस में कोर्ट से ट्रंप सरकार के फैसलों को रोकने की मांग की गई है।

क्यों ट्रंप ने अपने विश्वविद्यालय पर कसी नकेल

गौरतलब है कि जब इजरायल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ है, तब से अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन और हमास के प्रति संवेदना और यहूदियों के खिलाफ आवाज उठाई गई है। पिछले साल इसी मामले में 1000 छात्रों को हमास का समर्थन करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसी क्रम में हाल ही में ट्रंप सरकार ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को एक पत्र भेजा। इसमें सरकार ने विश्वविद्यालय को बताया कि वह किस प्रकार से यहूदी विरोधी मानसिकता से निपटने में नाकाम रहा है। इसके साथ ही सरकार ने कुछ शर्तें रखी और कहा कि अगर आप इन शर्तों को नहीं मानते हैं तो आपको मिलने वाली फंडिंग को रोक दिया जाएगा।

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कोलंबिया यूनिवर्सिटी की मदद रोक चुके हैं ट्रंप

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पहले डोनाल्ड ट्रंप कोलंबिया यनिवर्सिटी को झटका दे चुके हैं। सरकार ने विश्वविद्यालय को मिलने वाली 33 अरब डॉलर की मदद को रोक चुकी है। उस विश्वविद्यालय पर भी यहूदियों के साथ भेदबाव पर चुप्पी साधने का आरोप था।

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