उत्तर प्रदेश

घर वापसी: रूबा ने अपनाया सनातन धर्म, इस्लाम त्याग की घर वापसी, राजेश संग लिए 7 फेरे

अलीगढ़ की रूबा ने प्रेमी राजेश के लिए इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाया और रूबी बनकर मंदिर में शादी की। तीन तलाक, हलाला जैसी कुप्रथाओं से तंग आकर लिया फैसला। जानें उनकी प्रेम कहानी और घर वापसी की पूरी दास्तान।

Published by
Kuldeep Singh

सच ही कहते हैं प्रेम जाति, मत और मजहब नहीं देखता। ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आई है, जहां रूबा नाम की एक मुस्लिम युवती ने अपने हिन्दू प्रेमी से विवाह करने के लिए इस्लाम त्यागकर घर वापसी कर ली। इसी के साथ उसने अपना नाम बदलकर रूबा से रूबी रख लिया। युवती ने इस्लाम मजहब को लेकर भी कहा कि वो भी ठीक है, मुझे इस्लाम में फैली तीन तलाक, हलाला जैसी कुप्रथाएं बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं, जिस कारण से भी मैंने सनातन धर्म अपनाया है।

कैसे हुई इस कहानी की शुरुआत

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, अगर रूबा और राजेश की प्रेम कहानी को देखें, तो ये पूरी तरह से फिल्मी प्रतीत होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों के बीच का डिस्टेंस काफी ज्यादा है। राजेश बरेली जिले के शाही का रहने वाला है। जबकि रूबा अलीगढ़ जिले के इगलास मोहल्ले की रहने वाली है। दोनों की परवरिश अलग-अलग तरीके से हुई। दोनों के रहने का तौर तरीका भी अलग था। दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत एक साल पहले हुई।

अलीगढ़ के इगलास थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में राजेश का दोस्त रहता है। वो अक्सर ही अपने दोस्त से मिलने जाया करता था। इसी दौरान एक जब वह अलीगढ़ आया था, तो उसकी मुलाकात रूबा से हो गई। दोनों में थोड़ी बातचीत हुई और फिर दोनों ने मोबाइल नंबरों की अदला-बदली की। यहीं से शुरू होती है उनकी प्रेम कहानी। काफी वक्त तक दोनों एक दूसरे से बातचीत करते रहे। जब दोनों को लगा कि अब उन दोनों को एक हो जाना चाहिए तो रूबा का मजहब इसके आड़े आ गया। वहीं राजेश के परिजनों ने भी इसका विरोध किया। दोनों ने अपने परिजनों को मनाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी।

रूबा बोलीं-मैंने ही शादी की इच्छा जाहिर की थी

घर वापसी को लेकर बात करते हुए रूबी उर्फ रूबा बताती हैं कि परिजनों के न मानने के बाद भी मैंने राजेश को शादी के लिए मनाया था। राजेश ने मुझसे कहा कि तुम मुसलमान हो और मैं हूं हिन्दू। हमारे धर्म अलग हैं। कहीं ऐसा न हो कि कोई दिक्कत हो जाए। इस पर मैंने उसे समझाया।

रूबा का कहना है कि मानसिक तौर पर तैयार होने के बाद मैं तीन अप्रैल को ट्रेन से बरेली पहुंची और 10 अप्रैल को हम दोनों एक मंदिर में गए और वहां के पंडित ने मेरी घर वापसी कराई। उन्होंने गोमूत्र और गंगा जल से रूबा का शुद्धिकरण कराया। मंदिर में ही रुबी की मांग भरकर राजेश ने उससे शादी की।

घर वालों से खतरा

रूबी का आरोप है कि उन्हें उनके घर वालों से खतरा है। इसलिए उसने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है। उधर रूबा के परिजनों ने भी उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जबकि, रूबा का कहना है कि मैं पूरी तरह से बालिग हूं और मुझ पर किसी का कोई दबाव नहीं है।

 

 

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