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तहव्वुर राणा 18 दिन की एनआईए रिमांड पर, खोलेगा कई राज!

सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत से 20 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने 18 दिन की दी। रिमांड मिलने के बाद अब तहव्वुर राणा को एनआईए की स्पेशल सेल में रखा जाएगा, जहां उससे पूछताछ की जाएगी।

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Kuldeep singh

अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाए गए मुबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाया जा चुका है। उसे स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिनों की एनआईए रिमांड पर भेज दिया गया है। अदालत में उसकी पैरवी के लिए पीयूष सचदेव को नियुक्त किया गया है, जबकि सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन ने पैरवी की।

राणा की पेशी एनआईए कोर्ट के जस्टिस चंद्रजीत सिंह की बेंच के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अदालत से 20 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने 18 दिन की दी। रिमांड मिलने के बाद अब तहव्वुर राणा को एनआईए की स्पेशल सेल में रखा जाएगा, जहां उससे पूछताछ की जाएगी। इस सेल में 12 अधिकारियों के अलावा किसी और को जाने की इजाजत भी नहीं होगी।

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पाकिस्तान ने काटी कन्नी

वहीं राणा के भारत में लैंड होने से पहले ही पाकिस्तान ने उससे दूरी बना ली थी। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि उसने बीते दो दशक से पाकिस्तान के अपने दस्तावेजों को रिन्यू नहीं करवाया है। अब वह पूरी तरह से कनाडाई नागरिक है। लेकिन पाकिस्तान कितनी भी चाल चले, उसके हाथ निर्दोष भारतीयों और विदेशी मेहमानों के खून से रंगे हैं।

गौरतलब है कि इसी साल 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय अमेरिका के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने इस राणा के प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकी राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। लेकिन बाद में राणा इसके खिलाफ कोर्ट चला गया, हालांकि कोर्ट से झटका मिलने के बाद अब उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है। जहां उसे न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा।

कौन है तहव्वुर राणा

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। ये पहले पाकिस्तानी सेना में कैप्टन की रैंक पर था। ये कनाडा में बिजनेस करता था। उसी के जरिए उसने डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई की रेकी करने के लिए भेजा था। इसके बाद उसने इसके आंकड़े अपने पाकिस्तानी आकाओं को भेजा, जिसके बाद आतंकी मुंबई में घुसे। 26/11 हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।

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