'टैरिफ युद्ध' के रोज खुल रहे नए मोर्चे, यूरोपीय संघ ने पास किया कड़ा प्रस्ताव, क्या ट्रंप कदम खींचेंगे वापस?
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‘टैरिफ युद्ध’ के रोज खुल रहे नए मोर्चे, यूरोपीय संघ ने पास किया कड़ा प्रस्ताव, क्या ट्रंप कदम खींचेंगे वापस?

यूरोपीय संघ ही नहीं, बल्कि चीन और अन्य देश भी लामबंद हो रहे हैं। चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 84 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की घोषणा की है

by Alok Goswami
Apr 10, 2025, 12:22 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
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दुनिया की विभिन्न् अर्थव्यवस्थाओं में टैरिफ को लेकर मचे संघर्ष के दौरान अब यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर से सुर्खियों में आया है। यूरोपीय संघ ने अमेरिकी उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के जवाब में उठाया गया है, जिसने वैश्विक व्यापार को अस्थिर कर किया हुआ है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाए हैं। उनका दावा था कि यह कदम अमेरिकी उद्योगों को बढ़ावा देगा और घरेलू रोजगार पैदा करेगा। हालांकि, इस नीति ने वैश्विक व्यापार में असंतुलन पैदा किया है जिससे आहत कई देशों को जवाबी कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है।

उदाहरण के लिए, यूरोपीय संघ ने अमेरिकी उत्पादों की एक लंबी सूची पर टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें हीरे, मोटरसाइकिल, नौकाएं और कृषि उत्पाद शामिल हैं। हालांकि, बॉर्बन व्हिस्की को इस सूची से बाहर रखा गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यूरोपीय संघ बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखना चाहता है।

ट्रंप की टैरिफ नीति के खिलाफ केवल यूरोपीय संघ ही नहीं, बल्कि चीन और अन्य देश भी लामबंद हो रहे हैं। चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 84 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह स्थिति वैश्विक व्यापार युद्ध की ओर इशारा करती है।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप अपनी इस नीति के बारे में पुनर्विचार करेंगे? क्या वे कोई बीच का रास्ता निकालेंगे? 90 दिन की रियायत देना क्या काफी रहेगा? क्या हैं उनके सामने रास्ते? इस पर गौर करें तो साफ है कि बातचीत का रास्ता खुला हुआ है। यूरोपीय संघ ने स्पष्ट किया है कि वह बातचीत के जरिए समाधान निकालने को प्राथमिकता देता है। ट्रंप इस अवसर का उपयोग कर सकते हैं।

दूसरे, ट्रंप अपनी टैरिफ नीति में संशोधन कर सकते हैं, जिससे व्यापारिक तनाव कम हो सके। तीसरे, ट्रंप अन्य देशों के साथ मिलकर एक संतुलित व्यापार नीति बना सकते हैं, जो सभी पक्षों के लिए लाभकारी हो।

कहना न होगा कि ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार को एक कठिन दौर में ला खड़ा किया है। हालांकि, बातचीत और सहयोग के जरिए इस समस्या का समाधान संभव है। यूरोपीय संघ और अन्य देशों के कदम यह दर्शाते हैं कि वैश्विक व्यापार में संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। लेकिन क्या ट्रंप अपने कदम वापस खींचेंगे? क्योंकि, यह स्थिति केवल अमेरिका और यूरोपीय संघ के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

Topics: americatrumpEuropean Unionट्रंपTariff Warटैरिफ नीतिChina
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