पंजाब

स्याह सच, कड़ी सजा

पंजाब का पादरी बजिंदर सिंह हमेशा विवादों में रहा है। वह पहले भी जेल जा चुका है। 2018 में एक महिला ने उस पर बलात्कार का आरोप लगाया, जिसमें उसे उम्रकैद की सजा हुई है

Published by
राकेश सैन

19वीं सदी में पश्चिम के समाज सुधारक मार्शल टीटो ने चर्च की बुराइयों को लेकर कहा था, ‘नियरर द चर्च फारदर द गॉड’ अर्थात् जो जितना चर्च के नजदीक जाता है, वह ईश्वर से उतना दूर हो जाता है। यह संदर्भ देने के पीछे कारण है बलात्कार के मामले में पादरी बजिंदर सिंह को सजा। मोहाली की अदालत ने बलात्कार, मारपीट और धमकी देने के मामले में यह सजा सुनाई है। जीरकपुर की महिला ने 2018 में बजिंदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिला अदालत ने बजिंदर को 31 मार्च, 2025 को इस मामले में दोषी ठहराया। सजा से बचने के लिए बजिंदर अदालत के समक्ष गिड़गिड़ाता रहा। उसने अपने बच्चों और बीमार पत्नी का हवाला दिया। खुद को ‘सामाजिक’ बताते हुए कहा कि उसकी टांग में रॉड डली हुई है। लेकिन अदालत ने उसकी एक न सुनी। पादरी बजिंदर यौन उत्पीड़न व महिला से मारपीट के अन्य मामलों में भी फंसा हुआ है।

जालंधर के गांव ताजपुर में ‘द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विज्डम’ नाम से चर्च चलाने वाला बजिंदर मूलत: हरियाणा के यमुनानगर का रहना वाला है। 2000 के दशक की शुरुआत में वह हत्या के आरोप में जेल जा चुका है। बीए करने के बाद उसे काम नहीं मिला तो वह शराब पीने लगा। एक बार उसने शराब के नशे में शहर के नारंग चिकन सेंटर के मालिक पर गोली चला दी थी। जेल में ही वह ईसाई बन गया और रिहा होने के बाद 2012 से चंगाई सभाएं करने लगा। इसके बाद उसके ‘अनुयायियों’ की संख्या बढ़ती गई और पंजाब के बड़े पादरियों में गिना जाने लगा। उसके अनुयायी उसे ‘पापा जी’ कहते हैं।

उधर पीड़िता का कहना है, ‘‘पादरी बजिंदर एक ‘साइको (मनोरोगी) है। अगर वह जेल से बाहर आएगा तो फिर से अपराध करेगा। इसलिए मैं चाहती हूं कि वह हमेशा जेल में ही रहे। इस फैसले से मैं बहुत खुश हूं। यह मेरी अकेले की जीत नहीं है। आज कई लड़कियों (पीड़िताओं) ने जीत हासिल की है। अब कई लोग सामने आएंगे। बहुत सारी लड़कियां और लड़के भी बजिंदर सिंह के कब्जे से आजाद होंगे।’’ साथ ही, पीड़िता ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से अपनी और पति की सुरक्षा की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि उस पर हमले हो सकते हैं, उस पर और उसके परिवार पर झूठे मामले भी दर्ज कराए जा सकते हैं। उसके खिलाफ पहले भी ऐसे मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं।

दुष्कर्म मामले में पादरी बजिंदर को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह इंग्लैंड के बर्मिंघम में हो रहे एक सेमिनार में शामिल होने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर जहाज में सवार होने पहुंचा था। लेकिन बाद में जमानत पर छूट गया। गत मार्च में उसे फिर से गिरफ्तार किया गया था। उसका एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह एक महिला से मारपीट कर रहा है। इस वीडियो में बच्चे के साथ बैठी महिला के मुंह पर बजिंदर ने कॉपी फेंक कर मारी थी। वह महिला पादरी के पास काम करती थी।

बजिंदर ने ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विज्डम’ की स्थापना 2016 में की थी, जिसकी देशभर में 260 शाखाएं हैं। सबसे बड़ा चर्च मोहाली के न्यू चंडीगढ़ में है। वह चमत्कारिक उपचारों का दावा करता है, उसकी सभाओं में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है। ‘प्रोफेट बजिंदर सिंह’ के नाम से उसका यूट्यूब चैनल भी है, जिसके लगभग 37 लाख सब्सक्राइबर हैं। बजिंदर के चर्च की शाखाएं अमेरिका, इस्राएल, मारीशस, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी हैं। बजिंदर एचआईवी, गूंगेपन और कई बीमारियों का शर्तिया इलाज करने का दावा करता है।

बजिंदर हमेशा से विवादों में रहा है। गत माह एक अन्य महिला ने भी उस पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। उसने अपनी शिकायत में कहा कि उसने दिसंबर 2017 में ताजपुर गांव स्थित उसके चर्च के ‘सत्संग’ में जाना शुरू किया था। 2020 में वह चर्च की टीम में शामिल हो गई तभी वह बजिंदर की नजर में आई। बजिंदर ने उसका मोबाइल नंबर ले लिया और उससे चैटिंग करने लगा। आरोप है कि उसने महिला को विदेश भेजने का झांसा देकर बलात्कार किया और उसका वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी दी।

बजिंदर पहले भी अपने कुकृत्यों के कारण चर्चा में रहा है। सितंबर 2022 में दिल्ली के एक परिवार ने आरोप लगाया था कि बजिंदर ने उनकी कैंसर पीड़ित बेटी का इलाज प्रार्थनाओं से करने के लिए पैसे मांगे, लेकिन वह बच नहीं सकी। 2023 में आयकर विभाग ने जालंधर में बजिंदर सिंह से जुड़े ठिकानों पर दबिश दी थी। इससे पहले 2021 में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने चंडीगढ़ के डीसी मनदीप सिंह बराड़ को पत्र लिखकर अंधविश्वास फैलाने के लिए बजिंदर के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। उस समय बजिंदर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक नाबालिग लड़के को जबरदस्ती चर्च के कार्य के लिए धमका रहा था।

वैसे पंजाब में यह कोई पहला पादरी नहीं है, जो चरित्रहीन निकला है। इससे पहले 2018 में जालंधर के ही एक बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर एक नन से बलात्कार का आरोप लगा था। हालांकि, बाद में केरल की एक अदालत ने उसे बरी कर दिया था। नन ने कैथोलिक चर्च के बिशप पर 13 बार उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। जिस समय उसने यह किया था, उस समय वह बिशप जालंधर स्थित डायोसिस कैथोलिक चर्च में कार्यरत था। मुलक्कल की भी पंजाब की राजनीति में अच्छी-खासी पैठ थी।

जुलाई 2013 में समाचार आया था कि गुरदासपुर जिले के दीनानगर तहसील के गांव अब्बलखैर में जश्न गिल नामक एक पादरी अपने घर में चर्च बना कर प्रार्थना करता था। उसने एक गरीब दलित लड़की आर्थिक लाचारी का लाभ उठाकर उसे गर्भवती कर दिया और पाप सामने आने के डर से उसका गर्भपात करवा दिया। लेकिन युवती के पेट में संक्रमण फैल गया और जांच में पादरी की करतूत उजागर हो गई। इसी तरह, बीते वर्ष अंधविश्वास के कारण तीन बच्चों के पिता के मरने की खबर आई।

दरअसल, ‘शैतान भगाने’ के लिए पादरी और उसके साथियों ने व्यक्ति को इतना पीटा था कि उसकी मौत हो गई। गरीब परिवार होने के कारण परिवार ने पुलिस से शिकायत नहीं की और उसका शव दफना दिया गया। लेकिन दो दिन बाद रिश्तेदारों के कहने पर पुलिस ने कब्र खोद कर उसका शव निकाला। जांच में उसकी पत्नी बताया कि उसके पति को दौरे पड़ते थे। उसे ठीक करने के लिए उसने पादरी को बुलाया था। पादरी ने कहा था कि उसके शरीर में एक शैतान घुसा हुआ है। शैतान को बाहर निकालने के लिए पादरी और उसके साथी ने उसके पति को पटक कर लात-घूसों से इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई।

पंजाब में जैसे-जैसे चर्च का दायरा बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अपराधी किस्म के लोग भी इससे जुड़ रहे हैं। चर्च के भीतर महिला उत्पीड़न, यौन शोषण, मारपीट और अन्य अपराधों की अनेक घटनाएं घटती हैं, परंतु पादरियों व चर्च के प्रभाव के चलते वे सामने नहीं आ पातीं। चर्च के बारे अक्सर कहा जाता है कि यह वामपंथी शासन की तरह सदैव लौहावरण में रहता है, जिससे अंदर की बात बाहर नहीं आती। आज पंजाब चर्च के शिकंजे में फंसा हुआ है। पंजाब को इससे मुक्त कराने के लिए सरकार और समाज को मिल कर काम करना होगा।

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