उत्तर प्रदेश के संभल स्थित कथित जामा मस्जिद का भी नाम बदल गया है। अब से ये कथित मस्जिद जुमा मस्जिद के नाम से जानी जाएगी। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने एक साइबोर्ड भी बनवा लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एएसआई के द्वारा भेजा गया नीले रंग का यह साइन बोर्ड फिलहाल सत्यव्रत पुलिस चौकी में सुरक्षित है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसे पुराने शाही जामा मस्जिद की जगह लगाया जाएगा। एएसआई के वकील विष्णु शर्मा ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा कि यहां पर पहले से एएसआई का बोर्ड लगा हुआ था, लेकिन उसे किसी उपद्रवी ने हटा दिया था और उसकी जगह शाही जामा मस्जिद बोर्ड लगा दिया था।
पहले से ही मस्जिद परिसर पड़ा है एएसआई का बोर्ड
विष्णु शर्मा ने बताया कि कथित मस्जिद के परिसर के अंदर अभी भी एएसआई का नीला बोर्ड मौजूद है। अब नए बोर्ड को लगाने का वक्त आ गया है। बहरहाल, इस मामले में अभी तक एएसआई की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
24 नवंबर को हुई थी हिंसा
19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल स्थित चंदौसी की अदालत में संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने को लेकर कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, हरिशंकर जैन समेत आठ वादकारियों ने छह लोगों के विरुद्ध दावा दायर किया था।
इसके बाद कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को नियुक्त करके सर्वे (कमीशन) किए जाने के आदेश दिया था। बाद में 24 अगस्त को सर्वे के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया था। 4 लोगों की मौत भी हो गई थी। हालांकि, पुलिस प्रशासन की सख्ती के आगे प्रदर्शनकारियों की एक नहीं चली। सर्वे पूरा कर लिया गया था। विष्णु शंकर जैन ने संभल की कथित मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कहा कि 1526 में मुगल आक्रान्ता बाबर ने मंदिर को तोड़कर उसके स्थान पर मस्जिद को बनाने की कोशिश की थी। ये भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है, जिस पर किसी का कोई अतिक्रमण नहीं हो सकता है।
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