ईरान में राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान की अगुवाई वाली सरकार के द्वारा लगातार इस्लामिक कट्टरता को वहां की महिलाओं पर थोपने की कोशिश कर रही है। वे महिलाओं को हिजाब में कैद करने के लिए भरसक कोशिशें कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर महिलाएं स्वच्छंदता चाहती हैं। लेकिन, कुछ कट्टरपंथी भी अब इस कट्टरता को बनाए रखने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें कर रहे हैं। इन्होंने सरकार को चेताया है के हिजाब नियमों को कड़ाई से लागू करने में ढिलाई बरती जा रही है। इससे इस्लामी शासन के हारने का खतरा पैदा हो गया है।
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इसको लेकर पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर एक संदेश के जरिए ईरान के अति कट्टरपंथी सांसद मोहम्मद मन्नान रईसी ने प्रस्तावित नए हिजाब और शुद्धता कानून को स्थगित करने के लिए देश के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की आलोचना की थी। रईसी ने शरिया कानून की वकालत करते हुए कहा था कि हम मौलवी शासन के कट्टर समर्थक हैं और हमें उम्मीद है कि आप शरिया को बनाए रखेंगे।
रईसी का आरोप है कि शरिया कानून को और अधिक कड़ाई से लागू करने की जगह देश के अधिकारी धर्मनिरपेक्ष सरकार बनने की कोशिश कर रहे हैं या उसकी तरह व्यवहार कर रहे हैं। इनके इस कदम से आप शरिया के लिए सबसे अधिक समर्पित आधार को कमजोर कर रहे हैं। कट्टरपंथी सांसद ने कहा कि अगर आप अल्लाह के आदेश का पालन (हिजाब कानून) नहीं करेंगे तो सिस्टम के कट्टरपंथी समर्थक पूरी तरह से भ्रमित हो जाएंगे। क्योंकि हम लोग अभी भी ऐसा मान रहे हैं कि सरकार शरिया को लागू करेगी।
गौरतलब है कि हाल ही में ईरानी पुलिसबलों और देश में हिजाब और शरिया के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी। इसके कुछ दिनों के बाद अब कट्टरपंथी रईसी ने सरकार को चेतावनी दी है। दरअसल, ईरानी सरकार महिलाओं की आजादी की आग को कुचलने के लिए पिछले साल एक कानून लाई थी। लेकिन, विरोध के बाद उसे स्थगित कर दिया गया था। रईसी समेत दूसरे कट्टरपंथी उस कानून को देश में लागू कराना चाहते हैं।
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