मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार शाम सहजनवां में केयान डिस्टिलरी प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने लोगों को राम नवमी की शुभकामनाएं दीं और गीडा के अंतर्गत नए उद्योग की शुरुआत के लिए भी बधाई दी। उन्होंने बताया कि 30 एकड़ में फैला यह प्लांट अनाज से इथनॉल बनाएगा, जो देश और किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्लांट शराब बनाने की फैक्ट्री नहीं, बल्कि एक इथनॉल उत्पादन इकाई है। इससे पेट्रोल और डीजल की जगह इथनॉल का इस्तेमाल को बल मिलेगा, जिससे गाड़ियां और हवाई जहाज भी चल सकेंगे। भारत हर साल 7-8 लाख करोड़ रुपये का पेट्रोल-डीजल खरीदता है। अगर किसानों के अनाज से इथनॉल बनेगा, तो विदेशी मुद्रा बचेगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इससे देश मजबूत होगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यहां रोजाना साढ़े तीन लाख लीटर इथनॉल बनेगा, जो आगे बढ़कर पांच लाख लीटर तक पहुंचेगा। इस प्लांट में रेक्टिफाइड स्पिरिट भी तैयार होगी, जिसका इस्तेमाल आधुनिक दवाइयों में होगा। पिछले आठ साल में डबल इंजन की सरकार ने किसानों के हित में काम किया है। पहले सड़ा हुआ अनाज और गन्ना बेकार जाता था लेकिन अब इससे इथनॉल बन रहा है। उत्तर प्रदेश में 177 करोड़ लीटर इथनॉल बन रहा है, जो पेट्रोल-डीजल के साथ मिलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि वे टूटा चावल, खराब गेहूं, पराली और गन्ना इस प्लांट में लाएं। यह डिस्टिलरी इन्हें खरीदेगी। इससे किसानों को अनाज का दाम तो मिलेगा ही साथ में पराली और बेकार सामान से भी कमाई होगी। 1200 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्लांट से दो हजार लोगों को सीधे और इतने ही लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। आठ साल पहले गोरखपुर के गीडा में कोई निवेश नहीं करना चाहता था। मगर बीते आठ साल में यहां 15 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश आया है और 50 हजार युवाओं को नौकरी मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी इतनी बेहतर हो चुकी है कि अब हमें निवेश के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी करनी होगी। उन्होंने ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल पर जोर देते हुए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज और सौर ऊर्जा को अपनाने की बात कही। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि धरती माता की सेहत का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे शरीर में धमनियां रक्त वाहिकाओं का काम करती हैं, वैसे ही धरती पर नदियां उसकी रक्त वाहिकाएं हैं। इसलिए हमें नदियों की स्वच्छता और उनके निर्बाध बहाव को बनाए रखना होगा।
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