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PM मोदी की नीतियों से 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए– CM धामी

CM धामी ने कहा कि PM मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार की नीतियों से पिछले एक दशक में करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।

by दिनेश मानसेरा
Apr 7, 2025, 04:20 pm IST
in उत्तराखंड
CM Dhami

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार की नीतियों के कारण पिछले एक दशक में देशभर में करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को देहरादून में आयोजित केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह हमारे राज्य के लिए गौरव की बात है कि सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण विषय पर यहां राष्ट्रीय स्तर का चिंतन शिविर आयोजित किया जा रहा है। यह चिंतन शिविर बाबा साहेब अंबेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे मनीषियों के विचारों का भी विस्तार है। इस शिविर में आयोजित संवाद से भविष्य में अपनाई जाने वाली सामाजिक सशक्तिकरण की नीतियों का रोडमैप तैयार होगा।मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज देश में ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’’ के मूलमंत्र के साथ कार्य किया जा रहा है।

इससे पहले कई दशकों तक देश में समाज कल्याण विभाग को सिर्फ कुछ ही कार्यों तक सीमित माना जाता था। लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनाई गई नीतियों और योजनाओं के कारण पिछले एक दशक में देश के लगभग 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज एक ओर जहां केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को विशेष पेंशन देकर उनके जीवन स्तर में सुधार ला रहा है, वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति देकर उन्हें अपना भविष्य उज्ज्वल बनाने का अवसर दिया जा रहा है।इसी प्रकार, विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देकर सबसे पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। नशे की लत से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम और पुनर्वास केंद्र भी चलाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी राज्य में सामाजिक न्याय की अवधारणा को धरातल पर उतारने की दिशा में कार्य कर रही है। वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि के साथ-साथ राज्य सरकार पति-पत्नी दोनों को पेंशन प्रदान कर रही है, पेंशन योजनाओं का भुगतान मासिक आधार पर किया जा रहा है, पेंशन योजनाओं को ऑनलाइन करने के साथ-साथ अंत्योदय परिवारों को प्रतिवर्ष तीन गैस सिलेंडर निःशुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

इसी प्रकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 से कक्षा 12 तक छात्रवृत्ति प्रदान करने के साथ ही उनके लिए 15 निःशुल्क छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय एवं 3 आईटीआई भी संचालित किये जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग और मासिक छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों की बेटियों की शादी के लिए भी 50,000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ जनजातीय शोध संस्थान के लिए एक करोड़ रुपये के कार्पस फंड की भी व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। राज्य सरकार राज्य में नशा मुक्त देवभूमि अभियान को मिशन मोड पर चला रही है। सरकार राज्य के हर जिले में नशा मुक्ति केंद्र संचालित करने की योजना पर भी काम कर रही है, नैनीताल जिले के हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र का संचालन शुरू हो चुका है।

जहां एक ओर प्रदेश में भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को मुक्त कराकर उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर युवाओं और वयस्कों को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और सुदृढ़ करने के लिए केन्द्र सरकार की स्माइल योजना के तहत प्रदेश के चार शहरों का चयन किया गया है। अंत में मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों को आगामी चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि इस वर्ष से राज्य सरकार ने शीतकालीन यात्रा भी शुरू कर दी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल में पहुंच कर प्रोत्साहित किया है।

राज्यों और केंद्र के बीच तालमेल बहुत जरूरी: वीरेंद्र कुमार

इससे पूर्व, चिंतन शिविर में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित समुदाय तक पहुंचाने में राज्यों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। चिंतन शिविर का उद्देश्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाना ही है। उन्होंने बताया कि जब आगरा से चिंतन शिविर का सफर शुरू किया गया था, तब उस कार्यक्रम में सिर्फ आठ राज्यों का प्रतिनिधित्व रहा था। मात्र 12 राज्यों के अधिकारी उस कार्यक्रम में पहुंचे थे। ये शुभ संकेत है कि देहरादून के चिंतन शिविर में 15 राज्यों का प्रतिनिधित्व हो रहा है। उन्होंने नशामुक्त भारत अभियान का खास तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्र, युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। केंद्र और राज्यों को इस चुनौती से मिलकर निबटना है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तुरन्त बाद चिंतन शिविर के आयोजन की खास वजह रही है। हमारा ये मानना है कि योजनाओं के ठोस क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच शुरू में ही जानकारी साझा होने से बेहतर परिणाम निकल पाएंगे।

इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हमारे पास एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम वंचित तबके को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते है। पीएम मोदी ने भी सबका साथ, सबका विकास का मूल मंत्र इसीलिए दिया है। इस मौके पर कई राज्यों के मंत्री और विभागीय अधिकारी शामिल हुए।

Topics: पेंशन योजनाएंDrug RehabilitationPM ModiCM Dhamiuttarakhand newsUttarakhand Latest Newsगरीबी उन्मूलनSocial Welfareसामाजिक कल्याणPoverty AlleviationPension Schemes
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