उत्तराखंड

उत्तराखंड: सनातन नगरी हरिद्वार से कसाईखानों को बाहर करने की तैयारी

सीएम पुष्कर सिंह धामी चाहते हैं कि सनातन नगरी का बना रहे देव स्वरूप

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उत्तराखंड ब्यूरो

गंगा नगरी हरिद्वार से कसाईखानों को बाहर करने की तैयारी हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चाहते हैं कि कुंभ 2027 से पहले गंगा नगरी की सांस्कृतिक देव स्वरूप की पहचान कायम रखने के लिए जो भी जरूरी हो वो किया जाए। इस के तहत ही गंगा ऋषिकेश कॉरिडोर के निर्माण और अन्य सुविधाएं भी जुटाई जा रही हैं।

जानकारी के मुताबिक हरिद्वार नगर निगम द्वारा 2024 में पारित आदेश को लागू करने के लिए नगर निगम क्षेत्र में संचालित सभी कसाईखानों को जल्द ही या तो स्थानांतरित किया जाएगा या बंद कर दिया जाएगा। वर्तमान में नगर निगम की सीमा के भीतर लगभग 100 कसाई की दुकानें चल रही हैं, लेकिन एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से केवल कुछ ही दुकानों के पास वैध लाइसेंस हैं।

नगर निगम प्रशासन ने फैसला लिया है कि वैध परमिट वाली दुकानों को सराय गाँव में बनाए गए नए वेडिंग जोन  में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जबकि अवैध रूप से संचालित दुकानों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। हरिद्वार नगर आयुक्त नंदन कुमार के अनुसार, अब तक सराय गाँव में 60 दुकानें बनाई जा चुकी हैं, जहाँ वैध दुकानों को भेज दिया जाएगा।

ज्वालापुर और जगजीतपुर को छोड़कर, हरिद्वार को एक ड्राई एरिया घोषित किया गया है, जहाँ मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध है। यह कदम स्वच्छता सुनिश्चित करने और आवारा कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। नगर निगम की इस कार्रवाई से हरिद्वार की धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

सीएम पुष्कर धामी के समक्ष क्षेत्र का संत समाज तीर्थ पुरोहितों ने ये विचार रखा है कि हरिद्वार का सांस्कृतिक स्वरूप स्थापित किए जाने के लिए सरकार कुछ कठोर निर्णय ले। जिस पर श्री धामी ने सहमति जताते हुए प्रशासन को इस बारे में निर्देशित किया है।

उल्लेखनीय है कि 2027 को कुंभ के आयोजन हरिद्वार में होना है उससे पहले यहां के निर्माण कार्यों और सांस्कृतिक स्वरूप को सुनिश्चित करने संबंधी कई बड़े फैसले सरकार के सकती है।

 

 

 

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