मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने हिन्दू त्योहारों के मद्देनजर बड़ा फैसला लिया। इसके तहत राज्य सरकार ने हिन्दुओं के त्योहारों के दौरान मांस की बिक्री पर रोक लगा दी है। इसी के तहत राजधानी भोपाल जिला प्रशासन ने गुड़ी पड़वा, चैती चांद (30 मार्च) रामनवमी (6 अप्रैल), महावीर जयंती (10 अप्रैल) और 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर मांस की दुकानें बंद रहेंगी।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मैहर जिला प्रशासन ने भी आज से शुरु हो रहे चैत्र नवरात्र (30 मार्च) के दौरान सभी प्रकार के मांसाहारी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इंदौर समेत बाकी के अन्य शहरों का भी यही हाल है।
नहीं माने तो लाइसेंस होगा रद्द
इस बीच अधिकारियों ने चेतावनी भी जारी की है कि हिन्दू त्योहारों के दौरान मांस बिक्री करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उनकी दुकानों के लाइसेंस को भी रद्द कर दिया जाएगा।
इंदौर में 9 दिन की जगह चार दिन की बंदी
हालांकि, इंदौर में आज से शुरू हो रहे नवरात्र के दौरान केवल 4 दिन ही मांस की बिक्री पर रोक प्रशासन की ओर से लगाया गया है। इस पर हिन्दुत्ववादी हिन्दू राष्ट्र संगठन (HRS) के प्रमुख राजेश शिरोडकर ने प्रशासन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हम पहले निवेदन और नहीं माने तो दंड की अवधारणा पर विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि हम और हमारे कार्यकर्ता इस दौरान पूरे इंदौर की यात्रा करेंगे और इस दौरान अगर कोई मांस की दुकान खुली दिखी तो उसे जबरदस्ती चैत्र नवरात्र के दौरान बंद रखवाएंगे।
भाजपा नेताओं ने की थी बंदी की मांग
गौरतलब है कि नवरात्र सनातन धर्म में बहुत ही अहम स्थान रखता है। ऐसे में प्रदेश भाजपा के कई विधायकों रामेश्वर शर्मा, अभिलाष पांडे और लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह ने सरकार से इस दौरान मांस की दुकानों को बंद करने की मांग की थी।
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