म्यांमार में कई दशकों के बाद आए शक्तिशाली भूकंप ने तबाही मचाकर रख दी है। हर तरफ बिल्डिंग्स, पुल और सड़कें टूट गई हैं। इस बीच भारत सरकार लगातार म्यांमार की इस मुश्किल घड़ी में मदद कर रही है। इसके लिए भारतीय सेना ने आपदाग्रस्त म्यांमार की मदद के लिए ‘ऑपरेशन ब्रम्हा’ शुरू किया है। इसके तहत नौसेना के दो जहाज आपदा प्रबंधन टीमों के साथ स्पेशल मेडिकल यूनिट भी भेजी गई है।
भारत सरकार की तरफ से की गई मदद
भारत सरकार लगातार इस मुश्किल वक्त में अपने पड़ोसी की हरसंभव सहायता कर रही है। अब तक कुल 5 भारतीय वायुसेना के विमान 60 पैराफील्ड एंबुलेंस, एचडीआर सामग्री और एनडीआरएफ की टीमों के साथ यांगून और नेपीता में लैंड हो चुके हैं। इसके अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल जगजीत सिंह गिल के नेतृत्व में विशिष्ट शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्स की 118 सदस्यीय टीम भी म्यांमार जा रही है। इसका मुख्य कार्य अपदा में घायल हुए लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाना है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि नौसेना के दो जहाज पहले ही म्यांमार पहुंच चुके हैं, जबकि आज एक और फील्ड अस्पताल विमानों के जरिए वहां पर लैंड करेगा।
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अब तक 15 टन सामग्री पहुंचाई गई
म्यांमार में अब तक भारत ने राहत बचाव के तहत 15 टन सामग्री पहुंचा दी है। इसके अलावा लगातार सामग्रियां पहुंचाई जा रही हैं। इस बीच एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक (संचालन) मोहसिन शाहेदी ने कहा है कि ग्राउंड पर सक्रिय रूप से भागीदारी के लिए अगले 24 से 48 घंटे बहुत अहम साबित होंगे।
अब तक 1600 से अधिक मौतें
भूकंप में अपनी जान गंवाने वालों की संख्या भी बढ़कर 1644 हो गई है। बचाव दल अभी भी मलबों के ढेर से शवों को निकाल रहे हैं। ऐसे में मृतकों की संख्या और अधिक बढ़ने की पूरी आशंका है। साथ ही घायलों की संख्या भी करीब 4000 पहुंच गई है। करीब 140 लोग लापता भी बताए जा रहे हैं।
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